पहाड़ का सच, उत्तरकाशी।
जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने लोक निर्माण विभाग को तिलोथ पुल का निर्माण कार्य आगामी 31 मार्च तक पूरा कर वाहनों का आवागमन चालू करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस काम में अब और देरी बिल्कुल न की जाय। उन्होंने सड़कों के अनुरक्षण तथा नव निर्माण के लंबित कार्यों को अविलंब पूरा करने के साथ ही आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत एवं चारधम यात्रा से जुड़े कार्य प्राथमिकता से पूरा करने की हिदायत भी दी है।
जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिला मुख्यालय में लोक निर्माण विभाग तथा ग्रामीण निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा के लिए बैठक कर डिवीजनवार विभागीय कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने वर्ष 2015-16 में स्वीकृत तिलोथ पुल के निर्माण कार्य को पूरा करने में हुए विलंब के कारणों की विस्तार से पड़ताल करते हुए कहा कि इस पुल के निर्माण में अब और देरी न हो तथा आगामी 31 मार्च से पूर्व इस पुल पर वाहनों का आवागमन सुनिश्चित किया जाय।
लोनिवि के अधिकारियों ने बताया कि तिलोथ में पुल का नया हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है और पुराने पुल के सुदृढीकरण, बियरिंग बदलने व अपलिफ्टिंग का काम डेढ माह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में जिलाधिकारी ने सड़कों के सुदृढीकरण, उपयुक्त स्थानों पर क्रश बैरियर लगाए जाने तथा सड़कों के किनारे उगी झाड़ियों को हटाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यमुनोत्री पैदल मार्ग सहित संगमचट्टी-अगोड़ा मोटर मार्ग तथा पर्यटन व तीर्थाटन के महत्व की सड़कों को भी दुरस्त किए जाने पर जोर देते हुए डिवीजनों से इससे संबंधित ब्यौरा उपलब्ध कराने की अपेक्षा की।
जिलाधिकारी ने सभी खंडों को आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लंबित प्रकरणों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि लंबित प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए शासन से अनुरोध करने के साथ वह स्वयं भी उच्च स्तर पर वार्ता करेंगे। उन्होनें सड़कों के डामरीकरण, रिटेनिंग व ब्रेस्ट वाल लगाए जाने पर भी ध्यान देने की जरूरत बताते हुए कहा कि ज्यादा आबादी को जोड़ने वाली सड़कों को इन कामों के लिए प्राथमिकता दी जाय। जिलाधिकारी ने सड़कों पर बरसात में बहने वाले नालों से संभावित खतरों से निपटने के लिए आवश्यकतानुसार कॉज-वे व पुलों का निर्माण कराने को कहा।
जिलाधिकारी डा. बिष्ट ने कहा कि जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीणों के आवागमन हेतु स्थापित ट्रॉलियों के स्थान पर पुलों का निर्माण किया जाना जरूरी है। इसके लिए तैयार प्रस्तावों पर शासन स्तर पर कारगर पैरवी की जाय।
डा. बिष्ट ने जिला मुख्यालय उत्तरकाशी व गंगोत्री सहित जिले में अन्य स्थानों पर निर्माणाधीन हैलीपैड के बारे में भी जानकारी ली और में यमुनोत्री में भी हैलीपैड निर्माण के लिए उपयुक्त जगह तलाशे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों और विशेषज्ञों की मदद से यमुनोत्री में पिलर आधारित हैलीपैड बनाने की संभावनाओं की भी परख कर ली जाय।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जयकिशन, लोनिवि के अधिशासी अभियंता रजनीश कुमार, मनोज दास, बलराम मिश्रा, मनोहर सिंह, नीरज अग्रवाल, ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता डीजे बागड़ी आदि उपस्थित रहे।