– विश्वविद्यालय में शांति भंग, बलवा, मानहानि, रंगदारी मांगने पर मुकदमा दर्ज
– न्यायालय सिविल जज (सी.डि.) ने निषेधाज्ञा आदेश किया पारित, विश्वविद्यालय परिसर में नहीं कर सकते धरना प्रदर्शन
पहाड़ का सच, देहरादून।
श्री गुरु राम राय विवि में धरना दे रहे छात्रों पर पटेल नगर पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस ने विश्वविद्यालय में बलवा, शांति भंग, रंगदारी मांगने, मानहानि सहित कई संगीन धाराओं में अलग अलग मुकदमे दर्ज किए हैं।
एसजीआरआर पीजी काॅलेज में परीक्षा में बाधा डालने पर पुलिस ने 30 छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इनमें छात्रसंघ अध्यक्ष, महासचिव 7 अन्य सहित 30 नामजद छात्रों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
न्यायालय सिविल जज (सी.डि.) ने निशेधाज्ञा आदेश पारित किया है। विश्वविद्यालय परिसर के भीतर व बाउंड्रीवाल से 100 मीटर की परिधि के भीतर किसी भी प्रकार का धरना, प्रदर्शन, तालाबंदी, या यातायात अवरूद्ध करने और उसका कारण बनने से निषेधित किया है। एसजीआरआर विश्वविद्यालय में धरना कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय में 4 दिन से विश्वविद्यालय परिसर को कब्जे में ले रखा था। जिसके चलते विश्वविद्यालय में परीक्षाएं एवम् शैक्षणिक गतिविधियों बाधित हो रही थी।
मुकदमे में इस बात का जिक्र किया गया है कि धरनारत छात्रों के धरने का उद्देश्य एसजीआरआर विश्वविद्यालय में बलवा, शांति भंग, धरने का दबाव बनाकर रंगदारी मांगना व विश्वविद्यालय की छवि को नुकसान पहुंचाना है। उधर, एसजीआरआर पीजी काॅलेज में भी इन दिनों परीक्षाएं चल रही हैं। शनिवार को छात्र संघ अध्यक्ष चंदन नेगी, महासचिव नीरज रतूड़ी ने परीक्षा में मोबाइल का उपयोग किया। कर्मचारियों ने विरोध किया तो अध्यापकों और कर्मचारियों के साथ अभद्रता की गई।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर अलग अलग मुकदमों में चंदन नेगी, नीरज रतूड़ी, पार्थ जुयाल, कुलदीप सिंह सोनू सरदार, ऋषभ रावत, अंशुल बहुगुणा, अक्शीमल, रितिक रावत, अंशुल प्रसाद भट्ट सहित 30 छात्रों पर अभियोग पंजीकृत किया है।
विवि प्रबंधन का आरोप है कि धरने की आड में विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने धरनारत छात्र तमाम तरीके की अनैतिक मांगे रख रहे थे। .एसजीआआर विश्वविद्यालय प्रशासन और एसजीआरआर पीजी काॅलेज प्रशासन ने उनकी मांगों को सिरे से खारिज कर दिया है। धरना प्रदर्शन के दौरान धरनारत छात्रों ने विश्वविद्यालय की महिला कर्मियों के साथ दुव्र्यहार, बद्तमीजी और देख लेने की धमकी दी। धरना देने वालों के साथ कुछ असामाजिक तत्व भी जुड़ गए हैं। सूत्रों के हवाले से उनके पास हथियार भी बताए गए हैं। धरने की आड़ में इनका मकसद विश्वविद्यालय में तोड़फोड, रंगदारी, पैसा मांगना और वसूली करना है।
एसजीआरआर पीजी काॅलेज के अनुशासन प्रोक्टोरियल बोर्ड ने अपनी आंतरिक जाॅच शुरू कर दी है ताकि दोषी छात्रों के विरूद्ध उचित कार्रवाई की जाए। उधर एसजीआरआर विश्वविद्यालय की स्टूडेंट काउंसिल ने यूनिवर्सिटी के साथ खड़े होकर एकजुटता दिखाई है और बाहरी असामाजिक तत्वों का पुरजोर विरोध किया है। स्टूडेंट्स काउंसिल ने कहा है कि ये लोग विश्वविद्यालय के शांत शैक्षणिक माहौल को खराब कर रहे हैं और अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के करियर और भविष्य को खराब कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में पीएसी तैनात की गई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र-छात्राओं को असामाजिक तत्वों के प्रति आगाह किया है और कहा है कि वे अपनी परीक्षा और पढ़ाई पर ध्यान दें। विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के अभिभावक मण्डल ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मिलकर ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।