– बजट गतिशील एवं विकास मुखी: सीएम धामी
– केंद्र सरकार का बजट दिशाहीन व भ्रामक: करन माहरा
पहाड़ का सच देहरादून।
केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर राज्य में सत्तापक्ष और विपक्ष ने प्रतिक्रिया दी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मोदी सरकार के अंतरिम बजट को गतिशील व विकासमुखी बताया है जबकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने दिशाहीन व भ्रामक बताया है।
सीएम धामी ने कहा कि यह सर्वस्पर्शी बजट किसानों, महिलाओं, युवाओं और वंचितों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने भारतवासियों के लिए एक गतिशील एवं विकासोन्मुखी बजट पेश किया है। सीएम ने वित्त मंत्री को बधाई देते हुए कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को आर्थिक महाशक्ति के साथ ही विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में यह अंतरिम बजट नई गति प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि यह सर्वस्पर्शी बजट किसानों, महिलाओं, युवाओं और वंचितों के उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को मूर्त स्वरुप देने में सहायक सिद्ध होगा। समावेशी विकास के साथ ही यह बजट नए भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, कृषि, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को नए आयाम प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश का चहुंमुखी विकास हो रहा है। यह बजट प्रधानमंत्री मोदी जी के संकल्प के अनुरूप भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। बजट में महिला, गरीब, युवा और किसानों को सरकार ने अपनी प्राथमिकता में रखा है।
सीएम धामी ने कहा कि इसमें जहां खेती किसानी के साथ ही पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन पर फोकस किया गया है, वहीं मातृशक्ति को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए लखपति दीदी योजना का लक्ष्य दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अंतरिम बजट में पर्यटन, उद्योग, हवाई कनेक्टिविटी आदि पर भी खास जोर दिया गया है। इससे उत्तराखंड में पर्यटन विकास को पंख लगेंगे और औद्योगिक निवेश की ग्राउंडिंग में और तेजी आएगी। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री मोदी जी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए संकल्पित है। यह अंतरिम बजट इस संकल्प को पूरा करने की दिशा में सहायक बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 के संशोधित अनुमान जो आज प्रस्तुत किये गये हैं, में केंद्रीय करों में राज्यांश बढ गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तराखण्ड राज्य के लिए 11419.78 करोड़ रूपये का प्रावधान था, जो कि संशोधित अनुमान में 12348 करोड हो गया है। इस प्रकार लगभग 928 करोड इस वर्ष में अधिक मिलने की संभावना है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 13637 करोड़ हो गया है। यह गत वर्ष के मूल अनुमान से 2217 करोड अधिक है। प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए यह केन्द्र सरकार का महत्वपूर्ण उपहार है। (महेंद्र भट्ट फोटो)
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि केंद्रीय बजट मे कई योजनाएं उतराखंड के लिहाज से अहम हैं।सर्वश्रेष्ठ राज्य के विजन को सार्थक बनाता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने केंद्रीय बजट को महिलाओं युवाओं और हर वर्ग को लाभांवित करने वाला करार देते हुए कहा कि इससे उत्तराखंड जैसे राज्य को भी लाभ होगा। वहीं स्वास्थ्य और महिलाओं के उत्थान के लिए लखपति दीदी के बजट मे की गयी वृद्धि के अच्छे परिणाम सामने आयेंगे।
पेश बजट ने किसानों की आय बढ़ाने, महिलाओं को अर्थिकी से जोड़ने, युवाओं को पर्यटन जैसे उद्योगों मे ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था के साथ वंचितों के उत्थान के लिए घर और मध्यम वर्ग के लिए भी योजना का प्रावधान किया है। यह मोदी की आत्मनिर्भर भारत” की संकल्पना को मूर्त स्वरुप देने में सहायक सिद्ध होगा।
भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश हर क्षेत्र मे आगे बढ़ रहा है और उतराखंड को केंद्रीय योजनाओं की विशेष सौगात मिलती रही है।
बजट दिशाहीन : माहरा
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम आम बजट को दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास अवरोधी तथा आम आदमी के हितों के खिलाफ मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ाने वाला बताया है।
माहरा ने केन्द्रीय अंतरिम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने अपनी हठधर्मिता का परिचय देते हुए जो बजट प्रस्तुत किया है वह दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास विरोधी, मंहगाई व बेरोजगारी बढ़ाने वाला तथा देश की आर्थिक वृद्धि पर चोट पहुंचाने वाला बजट है। देश के वित्त मंत्री ने बजट में आंकडों की बाजीगरी कर घुमाकर नाक पकड़ने का काम किया है। .
लगातार की जा रही कोरी घोषणाओं व जुमलेबाजी तथा अपने चहेते उद्योग पतियों को लाभ पहुंचाने वाले बजट में वित्तीय प्रबन्धन का नितांत अभाव है तथा इस बजट से बेरोजगारी बढ़ने के साथ ही आम आदमी के सिर पर मंहगाई का बोझ बढेगा। उन्होंने कहा कि वित मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट के प्रावधानों से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था में विकास दर दहाई का आंकडा भी नहीं छू पायेगी और न ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
केन्द्र सरकार द्वारा कृषकों की आय दोगुनी करने की बात करने के बाद अब आम आदमी की आय दुगनी होने की बात बार-बार की जाती है परन्तु आय दोगुनी करने का कोई प्रावधान बजट में नहीं किया गया है। आसन्न लोकसभा चुनाव को केन्द्र में रखकर मुफ्त की योजनाओं की भरमार लगाई गई है।
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में की गई नोटबंदी और जीएसटी से देश में कई हजार लघु उद्योग बन्द हो गये थे, रीयल स्टेट सेक्टर में काम पूरी तरह से ठप्प हुआ तथा किसानो को उनकी उत्पाद लागत न मिलने के कारण कृषि क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर न्यूनतम हुए हैं। इन तीनों क्षेत्र में करोड़ों लोग बेरोजगार हुए तथा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी का अनुपात लगातार बढा है। वित मंत्री ने अपने इस बजट में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाकर दोगुनी करने की बात तो की है परन्तु इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। नये रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कोरी मात्र हैं तथा इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। लगातार चली आ रही कोरोना महामारी के बाद बेरोजगार हुए करोड़ों लोगों की पुर्नबहाली की बात पर भी सरकार मौन है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने केन्द्र सरकार के आम बजट को पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स छूट के स्लैबों मे की गई बढ़ोत्तरी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। महिला सुरक्षा, किसानों, बेरोजगार नौजवानों के लिए इस बजट में कोई विषेष प्रावधान नजर नही आता है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तथा स्किल इंडिया इंटरनेशनल सैंटर की कोरी घोषणाओं के अलावा मनरेगा, गरीब ग्रामीण श्रम, रोजगार और मंहगाई का बजट में कोई जिक्र नहीं है। रोजगार के सृजन तथा महिलाओं के सशक्तीकरण एवं सम्मान की बात केवल मोदी सरकार की लच्छेदार भाषणों का हिस्सा मात्र है। प्रति व्यक्ति आय दुगनी करने की कोरी घोषणायें हास्यास्पद है जो आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे किसानों और बेरोजगारों को बरगलाने जैसी हैं, उनके लिए बजट में किसी प्रकार की बडी राहत नहीं दी गई है।
करन माहरा ने कहा कि आम बजट में उत्तराखण्ड को खाली हाथ छोड दिया गया है। आपदा पीडित राज्य होने के बावजूद उत्तराखण्ड राज्य की जोशीमठ जैसी आपदा के लिए बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि जोशीमठ जैसी आपदा की स्थिति के लिए यदि सस्ती एयर सर्विस के लिए प्रावधान किया जाता तो निश्चित रूप से इसका लाभ आपदाग्रस्त क्षेत्र के लोगों को मिलता, परन्तु केन्द्र सरकार ने अपने बजट में उत्तराखण्ड जैसे आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य को रेल कनेक्टिविटी और एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर आम बजट में अपने उद्योगपति दोस्तों का हित साधन कर आम आदमी की उपेक्षा की गई है।