ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌹🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞🌹
🌤️ *दिनांक – 10 नवम्बर 2023*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
🌤️ *अमांत – 24 गते कार्तिक मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 19 आश्विन मास*
🌤️ *मास – कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार आश्विन)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – द्वादशी दोपहर 12:35 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
🌤️ *नक्षत्र – हस्त रात्रि 12:08 तक तत्पश्चात चित्रा*
🌤️ *योग – विष्कंभ शाम 05:06 तक तत्पश्चात प्रीति*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 10:41 से दोपहर 12:01 तक*
🌞 *सूर्योदय-06:37*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:25*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – प्रदोष व्रत,धनतेरस,भगवान धन्वंतरि जयंती-राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस,यम दीपदान*
💥 *विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
👉🏻 *दिवाली पर चांदी की कटोरी और कपूर का यह उपाय करने से सभी तरह से रक्षा होगी | इस दिन सूर्योदय तक दीपक जले तो कैसी भी दरिद्रता हो नष्ट होगी*
🌷 *नरक चतुर्दशी* 🌷
➡ *11 नवम्बर 2023 शनिवार को नरक चतुर्दशी, 12 नवम्बर, रविवार को नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग स्नान) ।*
🙏🏻 *नरक चतुर्दशी के दिन चतुर्मुखी दीप का दान करने से नरक भय से मुक्ति मिलती है । एक चार मुख ( चार लौ ) वाला दीप जलाकर इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिये –*
🌷 *” दत्तो दीपश्वचतुर्देश्यां नरकप्रीतये मया ।*
*चतुर्वर्तिसमायुक्तः सर्वपापापनुत्तये ॥“*
👉🏻 *( नरक चतुर्दशी के दिन नरक के अभिमानी देवता की प्रसन्नता के लिये तथा समस्त पापों के विनाश के लिये मै चार बत्तियों वाला चौमुखा दीप अर्पित करता हूँ।)*
🙏🏻 *यद्यपि कार्तिक मास में तेल नहीं लगाना चाहिए, फिर भी नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल-मालिश (तैलाभ्यंग) करके स्नान करने का विधान है। ‘सन्नतकुमार संहिता’ एवं धर्मसिन्धु ग्रन्थ के अनुसार इससे नारकीय यातनाओं से रक्षा होती है। जो इस दिन सूर्योदय के बाद स्नान करता है उसके शुभकर्मों का नाश हो जाता है।*
🌞 ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🌞
*दिवाली में करने योग्य* 🌷
➡ *१. दीपावली के दिन श्री राम अयोध्या आए थे, तो हमारे जीवन में भी श्री राम (ज्ञान), सीताजी (भक्ति) और लक्ष्मणजी (वैराग्य) आए |*
➡ *२. दीपावली के दिन रात भर घी का दिया जले सूर्योदय तक, तो बड़ा शुभ माना जाता है |*
➡ *३. दीपावली के दिन चांदी की कटोरी में अगर कपूर को जलायें, तो परिवार में तीनों तापों से रक्षा होती |*
➡ *४. हर अमावस्या को (और दिवाली को भी) पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं, और अच्छी आत्माएं घर में जन्म लेती हैं.*
➡ *५. नूतन वर्ष के दिन (दीपावली के अगले दिन ), गाय के खुर की मिट्टी से, अथवा तुलसीजी की मिट्टी से तिलक करें, सुख-शान्ति में बरकत होगी |*
➡ *६. दीपावली की शाम को अशोक वृक्ष के नीचे घी का दिया जलायें, तो बहुत शुभ माना जाता है |*