– प्रबंध निदेशक ने किया एनीमिया की रोकथाम, नियंत्रण एवं उपचार कार्यक्रम के द्वितीय चरण का शुभारंभ
पहाड़ का सच देहरादून।
समाज के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन के क्रम में यूजेवीएन लिमिटेड तथा स्वामी विवेकानन्द हैल्थ मिशन सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से “एनीमिया की रोकथाम, नियंत्रण एवं उपचार कार्यक्रम” के द्वितीय चरण का शुभारंभ आज निगम के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने किया।
कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि यूजेवीएन के प्रबंध निदेशक सिंघल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसायटी द्वारा आर्थिक एवं सामाजिक मोर्चे पर जूझ रहे समाज के अंतिम व्यक्ति के समग्र विकास के लिए जो कार्य किया जा रहा है वह निश्चित ही प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि दुरुह परिस्थितियों में निवास कर रहे दुर्गम तथा पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही अन्य पिछड़े तथा सुविधाओं से वंचित क्षेत्र के निवासियों को चिकित्सा, शिक्षा तथा अन्य सामाजिक मदद उपलब्ध करवा रही स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन संस्था से जुड़कर वे गर्व महसूस कर रहे हैं।
इससे पूर्व कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि संदीप सिंघल, यूजेवीएन के निदेशक परिचालन पुरुषोत्तम सिंह, महाप्रबंधक विवेक आत्रेय के साथ ही स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन के चिकित्सा निदेशक डॉ. प्रमोद शर्मा, सचिव, डॉ. अनुज सिंघल, कार्यकारिणी सदस्य डॉ. ताराश्री सिंघल आदि की गरिमामयी उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
मुख्य अतिथि संदीप सिंघल द्वारा कार्यक्रम में एनीमिया की रोकथाम, नियंत्रण एवं उपचार कार्यक्रम में प्रयुक्त होने वाली किट का वितरण भी किया गया। एनीमिया प्रोग्राम किट में हीमोग्लोबिनोमीटर, लैंसेट, क्यूवेट्स, दस्ताने, सैनिटाइजर, वजन मापने की मशीन, पल्स ऑक्सीमीटर, एफई टैबलेट और सिरप, विटामिन सी टैबलेट, फोलिक एसिड, एल्बेंडाजोल टैबलेट और सिरप इत्यादि का वितरण किया गया। संस्था के क्रियाकलापों की जानकारी देते हुए संस्था के सचिव डॉ. अनुज सिंघल ने बताया कि सन 2012 में अपने गठन के बाद से ही स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन द्वारा निरन्तर गरीबों, पिछड़ों और समाज के अन्य तबकों को चिकित्सकीय सुविधाओं के उनके सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक डिस्पेंसरी से प्रारंभ हुआ यह सफर आज बारह धर्मार्थ (चैरिटेबल) अस्पतालों के माध्यम से लगातार कार्यरत है। इनमें से ग्यारह उत्तराखंड तथा एक दिल्ली में स्थित है। तीर्थयात्रियों की सुविधा को देखते हुए यात्रा मार्गों एवं तीन धामों में इसकी शाखाएं हैं। यमुनोत्री में भी इसकी शाखा खोलने का कार्य गतिमान है।
एनीमिया की रोकथाम, नियंत्रण एवं उपचार कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए डॉ . दीपक सिन्हा ने बताया कि जनजातीय बहुल ग्रामों में चलाये जाने वाले इस कार्यक्रम में 6 ग्राम पंचायतों के 14 ग्रामों का चयन किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत घर-घर भ्रमण कर 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चे एवं सभी आयु वर्ग की महिलाओं का निःशुल्क हिमोग्लोबिन टेस्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रक्ताल्पता (एनीमिक) से ग्रस्त पाए गए लाभार्थियों को 6 माह तक आयरन, विटामिन सी की दवाइयां निःशुल्क वितरित की जाएंगी तथा 6 माह में एक बार कृमिनाशक अल्बेंडाजोल की दवा भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त समस्त लाभार्थियों को पोषाहार एवं स्वच्छता सम्बंधित परामर्श भी दिया जायेगा।
यह कार्यक्रम संबंधित ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान, आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सुपरवाइजर्स, वनवासी कल्याण आश्रम की संचालिकाएं, धर्मावाला चिकित्सालय के डॉक्टर्स एवं स्टाफ के सहयोग से चलाया जाएगा।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. प्रमोद शर्मा ने सभी आये हुए अतिथियों का अभिनन्दन एवं आभार व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की कि वे भविष्य में भी समिति को सहयोग प्रदान करते रहेंगे। चिकित्सालय की वरिष्ठ सोनोलाॅजिस्ट एवं संस्था की वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य डॉ. ताराश्री सिंघल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात शांति मंत्र का जाप कराते हुए कार्यक्रम संपन्न हुआ।