
– हरिद्वार में गन्ना किसानों को मुआवजे की मांग को लेकर कांग्रेस का दून में प्रदर्शन
– शाम को विपक्षी मुख्यमंत्री से मिले, सौंपा ज्ञापन
पहाड़ का सच, देहरादून।
हरिद्वार के किसानों को अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को हाथीबड़कला में एक घंटे का उपवास रखा। उपवास के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रदेश महिला अध्यक्ष ज्योति रौतेला,हरिद्वार विधायक फुरकान अहमद और ममता राकेश और किसान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ हरीश रावत ने गन्ने को कंधे पर रख मुख्यमंत्री आवास कूच किया।
आवास घेराव के बाद शाम को कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल के साथ हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक ज्ञापन सौंपा। पार्टी की मांग है कि आपदा पीड़ित किसानों को 1100 रुपये प्रति बीघा मुवाअजा देना किसानों का अपमान हैं। मुआवजे की राशि को किसानों की क्षतिपूर्ति की तुलना में बढ़ाया जाय और उसे 10 हजार रुपये प्रति बीघा किया जाए। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि गन्ना, किसानों की अर्थव्यवस्था का आधार है। चीनी के दाम निरंतर बढ़ रहे हैं और एक्जोल की मांग बढ़ रही है।गन्ना किसानों को प्रोत्साहित करने के लिये इस वर्ष गन्ने का खरीद मूल्य 425 रुपये प्रति कुन्टल से ऊपर होना चाहिए तथा खरीद मूल्य शीघ्र घोषित किया जाय।
उन्होंने कहा कि आपदा से पीड़ित किसानों व आपदा पीड़ित परिवारों का बिजली और पानी का बिल माफ किया जाय।आपदा पीड़ित किसानों का 6 माह के कर्ज वसूली पर रोक लगाई जाय व 6 माह के ब्याज को माफ किया जाय या उसकी प्रतिपूर्ति की सरकार करें।इकबालपुर चीनी मिल का वर्ष 2020-21 में लगभग एक सौ करोड़ चीनी मील पर गन्ना किसानों का बकाया है।सरकार ने उसके भुगतान का वादा किसानों से किया था, वो वादा पूरा किया जाय।
हरीश रावत ने सुझाव दिया कि मुख्य सचिव ,वित्त सचिव ,गन्ना सचिव व हरिद्वार के डी एम की एक उच्च स्तरीय बैठक कर इस पर कोई हल निकाला जाना चाहिए । मुख्यमंत्री धामी ने शीघ्र बैठक बुलाने को भरोसा दिलाया। कांग्रेस ने मांगो पर कार्यवाही के लिये 20 अक्टूबर 23 तक का समय दिया है यदि इस अवधि तक सरकार ने पहल नहीं की तो मजबूरन राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने से लेकर देहरादून की सड़को पर किसान प्रर्दशन के लिए बाध्य होना पड़ेगा ।