
– जांच में सही पाए गए पूर्व में चिन्हित लाभार्थी

– सीएम के निर्देश से योजना की 8 करोड़ से अधिक राशि सरेंडर होने से बची
– मिथ्यारोप लगाने वालों के मुंह पर तमाचा: अतोल रावत पूर्व अध्यक्ष
पहाड़ का सच बड़कोट, उत्तरकाशी।
कोर्ट के फैसले के बाद नगर पालिका बड़कोट( उत्तरकाशी) के राजीव गांधी आवास योजना के मकानों के अधूरे निर्माण कार्य पूरे हो सकेंगे।नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अतोल रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर योजना की 8 करोड़ से अधिक की धनराशि सरेंडर होने से बच गई।इससे गरीबों को उनकी छत मिल सकेगी।
पालिका के पूर्व अध्यक्ष रावत ने कहा कि वर्तमान नगर पालिका बोर्ड के द्वारा बड़कोट के लाभार्थियों की जांच चल रही थी। ये आरोप थे कि राजीव गांधी आवास योजना में अपात्रों को लाभार्थी बना दिया गया।इस मामले की अभी जांच चल ही रही थी कि नपा बड़कोट बोर्ड द्वारा राजीव गांधी आवास योजना की ब्याज सहित मूलधन राशि लगभग 8 करोड सरेंडर कर दिए गए थे। . इस बारे में व्यापक स्तर पर वार्तालाप करने के उपरांत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर बड़कोट एवं सील ताल की धनराशि रोक दी गई है। बड़कोट नगर पालिका की राजीव गांधी आवास योजना के 8 करोड़ 4 लाख रुपए निदेशालय में जमा कर दिए गए हैं तथा केंद्र सरकार के शहरी विकास विभाग को अवगत कराया गया की जितना समय न्यायालय में लाभार्थियों का बर्बाद हुआ है उसे केंद्र सरकार के द्वारा समायोजित कर आगामी बोर्ड गठन तक मकान की धनराशि रोक दी है तथा दिशा निर्देश दिए गए कि नए बोर्ड के गठन के बाद योजना के तहत रुके हुए भवनों के कार्यों को पूर्ण करें।
पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि राजीव गांधी आवास योजना के अंतर्गत नगर पालिका बड़कोट के लिए केंद्र सरकार से 396 मकान स्वीकृत किए गए। स्वीकृति के उपरांत 252 मकान बनकर तैयार हो गए जिसमें लाभार्थी निवास कर रहे हैं। शेष जिन मकानों के निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं, शिकायत होने के बाद पालिका प्रशासन द्वारा निर्माण बंद कर दिया गया था।
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट नैनीताल के फैसले व जिलाधिकारी के स्तर पर जांच के उपरांत किसी भी प्रकार की अनियमिताएं नहीं पाई गई। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अतोल सिंह रावत का कहना है कि इससे विरोधियों के मुंह तमाचा लगा है। जिस पारदर्शिता के साथ निर्माण कार्य कराए गए उन पर न्यायालय द्वारा मोहर लगा दी गई है तथा शेष मकानो का निर्माण कार्य की हरी झंडी दी गई है ।
इस संबंध में पूर्व अध्यक्ष रावत ने कहा कि यह जीत उन गरीब लोगों की हुई है जिनके पास रहने के लिए छत नहीं थी। उसके बाद भी नगर के कुछ शरारती लोगों द्वारा शिकायत की गई। अंततः सत्य की जीत हुई और शिकायत करने वाले लोग आज राजनीतिक क्षेत्र से भूमिगत हो चुके हैं। .
रावत का कहना है कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा नागरिकों के हित में लिए गए निर्णय की स्थानीय स्तर पर सराहना की जा रही है। अधूरे पड़े मकान के बनने की आस पुनः जगी है। स्थानीय स्तर पर मकान के बनाने की पहल वर्तमान नगर पालिका बोर्ड के द्वारा न किए जाने के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है। व्यापक स्तर पर छानबीन के बाद नगर पालिका प्रशासन के द्वारा नगर के 396 आवास विहीन लोगों को मकान बनाने का जो संकल्प पहले दोहराया गया था वह संकल्प आज पुनः पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रावत दोहरा रहे हैं।
