
पहाड़ का सच, बागेश्वर
बागेश्वर उपचुनाव की तारीख जैसे – जैसे नजदीक आ रही है। वैसे-वैसे चुनाव रोमांचक होता जा रहा है। इस बीच भाजपा ने कांग्रेस को फिर से झटका देते हुए कांग्रेस में सेंधमारी की है। पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री रहे सुरेश आर्य ने भाजपा का दामन थामा लिया है।

बागेश्वर उपचुनाव को लेकर भाजपा, कांग्रेस में सीधी टक्कर है। भाजपा से दिवंगत विधायक चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास मैदान में है, जबकि कांग्रेस से बसंत कुमार किस्मत आजमा रहे हैं। इस बीच बागेश्वर में चुनावी माहौल गरमा गया है। 5 सितंबर को मतदान होना है। इसको लेकर सियासी दल चुनावी हथकंडे अपना रहे हैं।
सबसे पहले भाजपा ने पिछली बार कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ चुके रणजीत दास को अपने पाले में लाकर कांग्रेस को झटका दिया और अब पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री सुरेश आर्य को भाजपा में वापसी कराई है। सुरेश आर्य दो बार विधायक और एक बार मंत्री रहे सुरेश आर्य दलित चेहरे के बड़े नेता हैं।
बागेश्वर सीट सुरक्षित सीट है। ऐसे में बागेश्वर उपचुनाव के समय दलित चेहरे को अपने पाले में लाकर भाजपा ने बड़ा सियासी दांव चलाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री सुरेश आर्य को भाजपा की सदस्यता दिलाई।
