पहाड़ का सच, टिहरी
टिहरी जिले के ओणी गांव में G20 शिखर सम्मेलन की बैठक को लेकर उत्साह बना हुआ है। ओणी गांव में जी 20 की बैठक होनी है। जिसके लिए इस गांव को दुल्हन की तरह सजाया गया है। ओणी गांव में इन विकास कार्य जोरों पर हैं गांव में सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराईं जा रही हैं। जिससे गांव हाईटेक नजर आ रहा है।
बताया जा रहा है कि 20 देशों के प्रतिनिधि अपना एक दिन ओणी गांव में बिताएंगे, इसलिए आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक बनाया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र के भवन को देखकर लोग काफी आकर्षित हो रहे हैं। पंचायत घर को भी बड़ी खूबसूरती के साथ तैयार किया जा रहा है। गांव के आंतरिक मार्गों पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाई गई हैं। गांव के घरों की पुताई कर उस पर पेंटिंग की जा रही है। उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा और दार्शनिक स्थानों को भी चित्र के माध्यम से दर्शाया जा रहा है।
ओणी गांव में सरकार द्वारा एकीकृत कृषि प्रणाली, पॉली हाउस, जल संरक्षण, प्राकृतिक जल स्रोत संवर्धन, बायोगैस प्लांट, अमृत सरोवर, होमस्टे, ट्रैक रुट, जैविक खेती, पानी निकासी, पेयजल, विद्युत व्यवस्था, सिंचाई नहर, हौज मरम्मत, सोलर लाइट, शौचालय, पशु चारागाह, विद्यालय भवन, स्मार्ट क्लास, पार्क, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, मंदिरों का सौंदर्यीकरण करवाया जा रहा है। इसके साथ ही गांव के लोगों को भी स्वरोजगार से भी जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा मत्स्य पालन के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मछलियों के बीज भी ग्रामीणों को उपलब्ध कराए गए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि जी 20 की वजह से उनके गांव की सूरत ही बदल गई है, जहां पहले इस गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी थी,. वहीं अब सभी तरह की सुविधाएं गांव में मिल रही हैं। पहले गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं होती थी, लेकिन अब गांव तक आने के लिए सड़क का निर्माण कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बिजली की समस्या का भी समाधान हो गया है, जगह-जगह सोलर लाइट लगाई गई है। इसके साथ ही विद्युत पोल भी लगाए गए हैं, जिस पर स्ट्रीट लाइटें लगी हुई है
गांव में सुख-सुविधाएं और रोजगार ना होने की वजह से युवा नौकरी की तलाश में महानगरों की ओर चले गए थे, लेकिन जब से जी 20 के लिए गांव का चयन हुआ है. उसके बाद से गांव की बदलती सूरत ने युवाओं को एक बार फिर अपनी ओर आकर्षित कर लिया है और युवा वापस गांव आने लगे हैं। सड़क, बिजली,पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचने के बाद अब गांव में ही रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।
ओणी गांव पहुंचने के बाद विदेशी मेहमानों से सवाल जवाब करने के लिए गांव की महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। गांव के प्रधान सहित वार्ड मेंबरों को भी इसको लेकर बाकायदा ट्रेनिंग दी जा रही है। महिलाएं अपने गांव के बारे में विदेशी प्रतिनिधियों से सवाल-जवाब कर पाएंगी और अपनी संस्कृति और वेशभूषा के बारे में भी जानकारी भी देंगी।