
पहाड़ का सच/ एजेंसी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस राम सुब्रमण्यम का शुक्रवार 19 मई को आखिरी कार्यदिवस था। तीनों जस्टिस जून में सेवानिवृत्त होने वाले हैं लेकिन 22 मई से 8 जुलाई तक ग्रीष्म अवकाश के कारण विदाई के लिए पहले ही बैठी चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने उनके कार्यों को याद किया।

मुख्य न्यायाधीश चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो रहे अपने बेहद काबिल पुराने दोस्त जस्टिस केएम जोसेफ को बहुत मिस करेंगे। जिन्हें वाणिज्यिक कानूनों से लेकर सांविधानिक मामलों तक में विशेषज्ञता हासिल है। जस्टिस जोसेफ 16 जून को रिटायर होने वाले हैं। उत्तराखंड के चीफ जस्टिस रहने के दौरान ही जस्टिस जोसेफ ने ही 2016 में हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार की बर्खास्तगी के बाद राष्ट्रपति शासन के फैसले को पलट दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में अपने चार साल 10 महीने के कार्यकाल के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों पर व्यवस्था देने के अलावा वह उस बेंच का हिस्सा भी रहे, जिसने 36 राफेल खरीद सौदे में नवंबर 2019 में मोदी सरकार को क्लीन चिट दी। चीफ जस्टिस ने कहा कि जस्टिस रस्तोगी सिविल सर्विस और लेबर लॉ के मामलों में अक्सर जस्टिस रस्तोगी की विशेषता पर ही भरोसा करते रहे हैं। जस्टिस रस्तोगी 17 जून को रिटायर होने वाले हैं। इसके अलावा अवकाश के दौरान जस्टिस रामसुब्रमण्यम भी 29 जून को रिटायर होने वाले हैं।
