
पहाड़ का सच/एजेंसी
न्यूयॉर्क। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में महिला, शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर बहस के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए उन्हें जबरदस्त फटकार लगाई। भारत ने कहा कि वह पाकिस्तान को इस योग्य भी नहीं मानता कि उसके इस तरह के ‘दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार’ का जवाब दिया जाए। जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने मंगलवार को उनके बयान को ‘निराधार और राजनीति से प्रेरित’ करार दिया । उन्होंने कहा, ‘इससे पहले कि मैं अपनी बात खत्म करूं, मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारे में पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा की गई ओछी, निराधार और राजनीति से प्रेरित टिप्पणी को खारिज करती हूं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘महिला, शांति और सुरक्षा’ पर खुली बहस में बोलते हुए, कम्बोज ने कहा, ‘मेरा प्रतिनिधिमंडल इस तरह के दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार का जवाब देने के लिए भी पाकिस्तान को अयोग्य मानता है। बल्कि, हमारा ध्यान वहां है जहां यह हमेशा रहना चाहिए- सकारात्मक और दूरदर्शी. आज की चर्चा महिला, शांति और सुरक्षा एजेंडे के पूर्ण कार्यान्वयन में तेजी लाने के हमारे सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। हम बहस के विषय का सम्मान करते हैं और समय के महत्व को पहचानते हैं। इस प्रकार, हमारा ध्यान विषय पर बना रहेगा.’ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर इस महीने के लिए मोजाम्बिक की अध्यक्षता में आयोजित परिषद की बहस में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा अपनी टिप्पणी में जम्मू-कश्मीर का उल्लेख करने के बाद रुचिरा कंबोज की तीखी प्रतिक्रिया आई।
भारत पहले भी पाकिस्तान को बता चुका है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा इलाका उसका अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा। भारत इस बात पर कायम रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है, जबकि इस बात पर जोर देता है कि इस तरह के जुड़ाव के लिए आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है। फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के युद्धक विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गए थे। अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर की विशेष शक्तियों को वापस लेने और तत्कालीन राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन की घोषणा के बाद संबंध और बिगड़ गए।
