
पहाड़ का सच, कोटद्वार
अस्सी के दशक से खौफ का पर्याय रहे 17 साल बाद हाल ही में जेल से रिहा हुए हिस्ट्रीशीटर मेहरबान सिंह उर्फ मेहरू की रविवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मेहरबान सिंह के भाई ने हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस जांच की मांग की है। उधर, पुलिस भी पूरे मामले की जांच में जुट गई है। हालांकि, अभी तक मामले में तहरीर दर्ज नहीं हुई है। सोमवार रात तक पोस्टमार्टम व पंचनामे की कार्रवाई चल रही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मेहरू की मौत स्वाभाविक हुई या उसे मारा गया, इसका राज खुल सकता है. वहीं दूसरी ओर मोहन सिंह ने अपने भाई मेहरबान की मौत के लिए उसकी पत्नी, बेटे व रिंकू नाम के व्यक्ति को दोषी ठहराया है ।दूसरी ओर मेहरबान सिंह के भाई प्रमोद सिंह ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि मेहरबान सिंह शनिवार शाम तक बिल्कुल स्वस्थ लग रहे थे। घूम रहे थे। अचानक से हुई उनकी मौत कई सवाल खड़े कर रही है। रविवार रात करीब एक बजे उन्हें सूचना मिली कि मेहरबान सिंह की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि मेहरबान के मुंह व नाक में सफेद पाउडर लगा हुआ था। मोहन सिंह ने मेहरबान की पत्नी व दो अन्य व्यक्तियों पर शक जाहिर किया। वहीं यह भी समझा जा रहा है कि कहीं मेहरबान ने कोकीन ज्यादा इस्तेमाल न किया हो जिससे उनकी मौत हो गई ।
मेहरू के भाई प्रमोद सिंह ने मेहरबान सिंह की पत्नी पर पोस्टमार्टम नहीं करने की दलील पर भी शक जताते हुए कहा है कि कहीं न कहीं यूँ अचानक हुई मेहरू की मौत किसी षड्यंत्र का हिस्सा न हो ।
इस बीच, सोमवार को मेहरबान सिंह की मौत खबर सुनते ही कई लोग उनके आवास पहुंचे और फिर उनके शव के साथ बेस अस्पताल कोटद्वार भी आए। पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह उन्हें सूचना मिली कि नींबूचौड़ निवासी मेहरबान सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
