
पहाड़ का सच, एजेंसी
श्रीलंका। पड़ोसी मुल्क श्रीलंका अब भी बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है। अर्थव्यवस्था कंगाली की हालत में है और देश में अब भी खाने-पीने की भारी किल्लत है। परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है. जब से श्रीलंका में आर्थिक संकट आया है, तब से भारत ने 3 अरब डॉलर से ज्यादा की सहायता दी है लेकिन इतने से भी काम नहीं चल रहा है। फिलहाल श्रीलंका में तेल खत्म हो गया है, इसलिए भारत को आपात संदेश भेजकर तेल भेजने की गुजारिश की है। इसके अलावा श्रीलंका भारत से और अधिक डॉलर चाहता है. इस संबंध में श्रीलंका के हाई कमिश्नर मिलिंडा मोरोगोडा ने पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात की है।
एचटी की खबर के मुताबिक श्रीलंका के हाई कमिश्नर मिलिंडा मोरोगोडा ने सोमवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात कर अपनी ऊर्जा जरूरतों के बारे में बात की। उधर श्रीलंका में अगले दो सप्ताह तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर तेल बेचने पर पाबंदी लगा दी है। मोरोगोडा ने पुरी को बताया कि उनका देश ऊर्जा की गंभीर संकट से जूझ रहा है. आम लोगों को पेट्रोलियम पदार्थों की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए भारत श्रीलंका को तत्काल पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति कर मदद करें। इतना ही नहीं ऐसा तरीका ढूंढें जिसमें श्रीलंका को लगातार भारत से पेट्रोलियम पदार्थ मिलता रहे।
श्रीलंका को तत्काल ऊर्जा संकट से उबारने के लिए भारत किस तरह से अपनी मदद का विस्तार कर सकता है, इसके तौर-तरीकों पर भी दोनों नेताओं के बीच बात हुई. इस परिप्रेक्ष्य में श्रीलंका पेट्रोलियम, गैस और तेल के क्षेत्र में लंबे समय तक भारत के साथ संबंध स्थापित करना चाहता है। श्रीलंका आर्थिक संकट से उबरने के लिए भारत से 1 अरब डॉलर का नया मुद्रा विनिमय चाहता है। इसके अलावा तेल खरीदने के लिए 50 करोड़ डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट मांग रहा है। हालांकि भारत ने अब तक श्रीलंका की इस मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। भारत ने मानवीय और आर्थिक सहायता के रूप में अब तक श्रीलंका को 3.5 अरब डॉलर की मदद दे चुका है।
