
* एक पूर्व प्रदेश महामंत्री को संगठन की कमान सौंपने के लिए हो रहा है जोड़तोड़*
हरीश जोशी,
पहाड़ का सच, देहरादून।
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* एक पूर्व प्रदेश महामंत्री को संगठन की कमान सौंपने के लिए हो रहा है जोड़तोड़*
हरीश जोशी,
पहाड़ का सच, देहरादून।
विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही भाजपा और कांग्रेस सुर्खियों में हैं। कांग्रेस की तरफ से हरीश रावत मुख़्यमंत्री के अलावा कोई दूसरा दायित्व लेने के लिए राजी नहीं हैं जबकि सत्तारूढ़ दल भाजपा में विरोधी खेमे की मदन कौशिक की अध्यक्ष पद की कुर्सी पर नजर है। बताया जाता है कि इस मिशन में लगे लोग पार्टी के एक पूर्व महामंत्री को संगठन की कमान सौपना चाहते हैं। ऐसे पूर्व महामंत्री का नाम चर्चा में है जिनका नाम कालांतर में पार्टी मुख्यालय में हुए एक चर्चित प्रकरण से जोड़ा गया था। लक्सर के विधायक संजय गुप्ता तो निमित्त मात्र हैं। मिशन कौशिक के पीछे कुछ और बड़े चेहरे भी हैं। इस जंग को भविष्य में होने वाले सत्ता संघर्ष के रूप में भी देखा जा रहा है।
ऐसा नहीं कि अकेले कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जिसमें गुटबाजी या धड़ेबाजी का बोलबाला है। भाजपा भी इससे अछूती नहीं। प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष पर उन्हीं की पार्टी के विधायक की तरफ से सार्वजनिक तौर पर गंभीर आरोप इस बात के प्रमाण हैं कि सत्तारूढ़ दल में अंदरूनी हालात ठीक नही हैं। किसी पर धंधेबाजी के आरोप हैं तो किसी के द्वारा अर्जित की गई सम्पति की जांच की मांग की जा रही है तो किसी की चारित्रिक गतिविधियों को लेकर पार्टी की छवि धूमिल हो रही है।
अपेक्षाकृत दूसरे दलों के भाजपा अनुशासित पार्टी मानी जाती रही है। जिस तरह खुलेआम पार्टी अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लग रहे हैं, उसकी छाया में शीर्ष नेतृत्व के उन फैसलों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं जिसके आधार पर पूर्व में मुख़्यमंत्री अथवा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की गई हैं। वो इसलिए कि पांच साल में तीन मुख़्यमंत्री भी सही फैसले को लेकर सवाल उठाते हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा विधानसभा चुनाव परिणामों के बारे में आश्वस्त नहीं है।
अब बात करें मिशन मदन कौशिक की तो विधानसभा चुनाव नतीजे उनके राजनीतिक कद को तय करेंगे बाद में,लेकिन उससे पहले ही उनकी कुर्सी को हिलाने की कोशिशें तेज हो गई हैँ। पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि इस मिशन में एक विधायक के साथ एक मंत्री भी शामिल हैं और उन्हें सत्ता के दूसरे प्रभावशाली लोगों का वरदहस्त है। दूसरी तरफ, मदन कौशिक की तरफ से अभी तक लक्सर के विधायक के आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। हां , इतना जरूर है कि उनके नाम से एक फर्जी ट्वीट वायरल जरूर हो रहा है। बताया जाता है कि भाजपा के एक पूर्व मुख्यमंत्री कौशिक की शिद्दत के साथ पैरवी कर रहे हैं
