
वाशिंगटन। नामुमकिन को मुमकिन करने का नाम ही विज्ञान है। ऐसा ही वैज्ञानिक कारनामा अमेरिकी डॉक्टरों ने कर दिखाया है। उन्होंने दुनिया में पहली दफा एक सूअर का दिल इंसान को लगाने में कामयाबी हासिल की है। सर्जनों ने आठ घंटे के जटिल ऑपरेशन के बाद 57 साल के डेविड बेनेट को एक जेनेटिकली मॉडिफाइड सूअर का हृदय प्रत्यारोपित करने में सफलता पाई है।
ऐसे किया जेनेटिकली मॉडिफाइड कई जीन बदले गए
मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने तीन ऐसे जीन जानवर के शरीर से बाहर निकाले, जिनकी वजह से मानव प्रतिरक्षा प्रणाली सूअर के अंगों को स्वीकार नहीं करती। एक जीन सूअर के दिल के ऊतकों की वृद्धि रोकने के लिए बाहर किया गया। उसमें छह अन्य जीन डाले गए थे।
● वैज्ञानिक पिछले एक दशक से जीन संपादन और क्लोनिक तकनीक के जरिये ऐसे सुअर विकसित करने में जुटे हैं, जिनके अंग मानव शरीर में लगाए जा सकते हैं।
सूअर के हार्ट वॉल्व का इस्तेमाल अब आम बात हो चुकी है. कुछ माह पहले ही न्यूयॉर्क में एक मरीज को जेनेटिकली मॉडिफाइड सूअर की किडनी भी लगाई गई थी। हालांकि, वह मरीज ब्रेन डेड था।
सात घंटे चली प्रत्यारोपण की प्रक्रिया बाल्टिमोर में प्रत्यारोपण की प्रायोगिक प्रक्रिया 7 घंटे तक चली। अब येनेट स्वस्थ हो रहे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उनके लंबे समय तक जीवित रहने की कितनी संभावना है।
बेनेट की यह सर्जरी नहीं होती तो वो जीवित नहीं रह पाते, इसी आधार पर अमेरिकी एफडीए ने 31 दिसंबर को इस प्रक्रिया के लिए विशेष छूट दी थी। इस प्रक्रिया कोजेनोट्रांसप्लांटेशन कहा जाता है।
भारत में 25 साल पहले किया कारनामा, हुई थी जेल
1997 में असम के सर्जन डॉ. धनी राम वरुआ ने गुवाहाटी में 32 वर्षीय मरीज में सूअर का हृदय और फेफड़ा प्रत्यारोपण का दावा किया था। हफ्तेभर बाद ही मरीज की मौत हो गई। इसके लिए डॉक्टर को जेल भी हुई।
