
नई दिल्ली। सिक्योरिटीज अपीलेट ट्राइब्यूनल (SAT) ने सहारा ग्रुप की कंपनी सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड और सुब्रत रॉय सहित उसके तत्कालीन निदेशकों को चार सप्ताह के भीतर मार्केट रेगुलेटर (SEBI) के पास 2,000 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है।
SAT ने अपने आदेश में कहा कि इस रकम को सेबी के एस्क्रो खाते में रखा जाएगा। यह राशि जमा करने के बाद कंपनी और उसके पूर्व निदेशकों के खिलाफ कुर्की का आदेश वापस ले लिया जाएगा।
सैट ने कहा, “हमने पहले अपीलकर्त्ता सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन और दूसरे अपीलकर्त्ता सहारा इंडिया को SEBI के पास अपनी भारत और विदेश में स्थित सभी संपत्तियों की पूरी सूची के अलावा सभी बैंक खातों, डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड/शेयर/सिक्योरिटीज की जानकारी देने का आदेश दिया है।”
कंपनी के पूर्व डायरेक्टरो ए एस राव और रनोज दास गुप्ता की वृद्धावस्था और बीमारी को ध्यान में रखते हुए SAT ने उनके खिलाफ जारी कुर्की आदेशों को वापस लेने का निर्देश दिया।
यह अपील दरअसल अक्टूबर, 2018 में सेबी के एक आदेश के खिलाफ दायर की गई थी। इस आदेश में सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) और उसके पूर्व डायरेक्टोर को 15 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ ऑप्शनली फुली कन्वर्टिबल डिबेंचर जारी करके कंपनी द्वारा जुटाए गए 14,000 करोड़ रुपये वापस करने के लिए कहा गया था।
