
– 19 दिसंबर को चंद्रबनी में हुई घटना के बाद पिटकुल हुआ अलर्ट, अभियंताओं की नियमित निगरानी के निर्देश

– पिटकुल प्रबंधन पूर्व में भी जारी कर चुका है 250 से अधिक लोगों को नोटिस
पहाड़ का सच देहरादून। हाइटेंशन लाइनों के नीचे अवैध निर्माण पर पिटकुल के प्रबन्ध निदेशक पीसी ध्यानी ने सख्ती दिखाई है। हाल ही में चंद्रबनी, देहरादून में हाईटेंशन लाईन के नीचे अवैध निर्माण के कारण हुई दुर्घटना को देखते हुए पिटकुल के प्रबन्ध निदेशक ने गढवाल एवं कुमाऊं क्षेत्र के अधिकारियों की बैठक लेते हुये आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये। अभिनेताओं को नियमित निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।

शुक्रवार को चंद्रबनी, देहरादून में हाईटेंशन लाईन के नीचे अवैध निर्माण के कारण हुई दुर्घटना के सम्बन्ध में शनिवार को प्रबन्ध निदेशक पिटकुल पी.सी. ध्यानी द्वारा अभियन्ताओं के साथ बैठक की गयी, जिसमें पिटकुल के सहायक अभियन्ता से लेकर मुख्य अभियन्ता स्तर तक के अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रबन्ध निदेशक ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि सम्बन्धित अवर अभियंता, सहायक अभियंता एवं अधिशासी अभियंता अपने क्षेत्रों में प्रत्यक्ष रूप से भ्रमण करते हुए पिटकुल की हाईटेंशन लाईनों एवं टावरों के नीचे ऐसे सभी अवैध निर्माणों को चिन्ह्ति करें एवं उन्हें अवैध निर्माण के सम्बन्ध में नोटिस जारी करते हुये सम्बन्धित नगर निगम, नगर पालिका एवं विकास प्राधिकरण यथा एमडीडीए इत्यादि तथा सम्बन्धित जिलाधिकारियों को भी सूचित करें एवं उनकी समाचार पत्रों में भी प्रकाशित करवाएं साथ ही रिपोर्ट तैयार कर सप्ताहिक रूप से माॅनिटरिंग करें एवं मौका स्थल पर जाकर सम्बन्धित को जागरूक एवं आगाह भी करना सुनिश्चित करें।
पूर्व में धनतेरस पर भी इस तरह की घटना घटित हुई थी, जिसके पश्चात प्रबन्ध निदेशक द्वारा देहरादून के अन्तर्गत तीनों अधिशासी अभियन्ताओं को पिटकुल की हाईटेंशन लाईनों एवं टावरों के नीचे अवैध निर्माण को चिन्ह्ति करते हुए उन्हें अवैध निर्माण के सम्बन्ध में नोटिस जारी करने हेतु निर्देश दिये गये थे जिसके अनुपालन में लगभग 250 लोगों को नोटिस जारी किया गया एवं सभी को आगाह भी किया गया कि किसी भी तरह से हाईटेंशन लाईनों एवं टावरों के नीचे अवैध निर्माण न करें, जिस कारण कभी-भी कोई भी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।
पिटकुल प्रबन्धन द्वारा पूर्व में भी 06.08.2025 एवं 18.10.2025 को समाचार पत्रों के माध्यम से अपील की गयी है कि 400/220/132 केवी की लाइनें उच्च विभव की लाइनें है। इन लाइनों के नीचे अनाधिकृत निर्माण न करें, जिससे किसी प्रकार की घातक दुर्घटना हो सकती है। इसके साथ ही अवगत कराया गया कि विद्युत लाइनों के नीचे निर्माण कार्य केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण , विनियम-2010 एवं भारतीय विद्युत अधिनियम-1956 (संशोधित 2003) के नियमों के विरूद्ध है।
