
पहाड़ का सच/एजेंसी।

थिरुपरनकुंद्रम। तमिलनाडु के थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी की चोटी पर ‘कार्तिगई दीपम’ जलाने के लिए हाईकोर्ट की मदुरै बैंच ने इजाजत दे दी है। इस मुद्दे पर बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भरोसा दिलाया है कि अंत तक हिन्दुओं की जीत होगी।
तिरुचिरापल्ली में ‘सौ वर्षों की संघ यात्रा- एक क्षितिज’ नामक एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे संघ प्रमुख से जब पूछा गया कि क्या आरएसएस को थिरुपरांकुंदरम मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहिए। इस सवाल का जवाब देते हुए भागवत ने कहा, “तमिलनाडु के हिंदुओं में जो जागरुकता है, मुझे लगता है कि यह सही परिणाम लाने के लिए पर्याप्त है। लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो तमिलनाडु में काम करने वाले हिंदू संगठन हमें बताएंगे, फिर हम इस पर विचार करेंगे।” हालाँकि उन्होंने कहा कि फिलहाल ये मामला कोर्ट के अधीन है।
उन्होंने साफ कहा कि “अगर इसे राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की जरूरत पड़ी, तो ले जाया जाएगा। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत है”। आरएसएस प्रमुख के मुताबिक, तमिलनाडु में हिंदू एकता थिरुपरनकुंद्रम मुद्दे को सुलझाने के लिए काफी है, लेकिन ये बात तो पक्का है कि मुद्दा हिंदुओं के पक्ष में ही सुलझेगा।”
इसी बीच डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने इस मामले में हिंदू पक्ष की तरफ फैसला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इतना ही नहीं लोकसभा में विपक्ष के नेताओं के एक दल ने इस फैसले को देने वाले एक हाईकोर्ट जज के खिलाफ महाभियोग लाने का प्रस्ताव दिया है।
क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला एक थिरुपरांकुंदरम की पहाड़ी पर एक देव स्थान पर दीप जलाने को लेकर है। धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार इस पहाड़ी के ऊपर पत्थर के एक खंभे पर दिए को जलाने की प्रथा थी, लेकिन दशकों से इस परंपरा को नहीं निभाया गया था। हाल ही में भक्तों ने एक बार फिर से इस परंपरा को शुरू करते हुए पूजा अर्चना के जरिए प्रचीन दीपथून स्तंभ पर ही दीप जलाने की पेशकश की लेकिन मंदिर स्तंभ के पास दरगाह होने की वजह से विवाद बढ़ गया।
इसके बाद मामले एकल न्यायाधीश के सामने ले जाया गया, जहां पर न्यायाधीश जीआर स्वामीनाथन ने याचिकाकर्ताओं की मांग को स्वीकर कर लिया और निर्देश दिया कि कीर्तिगाई दीपम इस बार से अपने मूल स्थान पर ही जलेगा। इसके लिए उन्होंने पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था देखने का भी निर्देश दिया। इसके बाद भी आदेश का पालन नहीं किया गया। कुछ हिंदू संगठनों के लोगों ने जब पहाड़ी पर चढ़कर दीप जलाने की कोशिश की तो पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई, जिसमें कुछ लोग घायल भी हो गए।
इस मामले को लेकर राज्य की स्टालिन सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट के न्यायाधीश के लिए विपक्ष के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सामने महाभियोग प्रस्ताव भी रखा है।
