
– पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने ली कानून व्यवस्था की राज्यव्यापी उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

– शीतकालीन चारधाम यात्रा मार्गों पर सुरक्षा एवं संचालन व्यवस्था को सशक्त बनाने पर विशेष जोर
– पुलिस कर्मियों की पदोन्नति प्रक्रिया में तेजी लाने के दिए निर्देश
देहरादून। गोवा में हुए अग्निकांड के बाद उत्तराखंड में जन-सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने त्वरित अग्नि सुरक्षा उपाय सुनिश्चित कराए जाने के व्यापक दिशा निर्देश दिए हैं। अगले सप्ताह राज्य के सभी प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा के लिए किए गए इंतजाम की परख होगी।
.पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ की अध्यक्षता में गुरुवार को पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गढ़वाल एवं कुमाऊं रेंज सहित समस्त जनपदों, रेलवे एवं STF के वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षकों के साथ राज्य में व्यापक फायर सेफ्टी ऑडिट तथा अपराध एवं कानून व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

डीजीपी द्वारा गोवा में घटित अग्निकांड के दृष्टिगत राज्य में जन-सुरक्षा हेतु त्वरित अग्नि सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किये जाने के सम्बन्ध में निम्नलिखित दिशा-निर्देश दिए गए
▪️ समस्त जनपद प्रभारी , आगामी क्रिसमस पर्व और नववर्ष के जश्न के दृष्टिगत प्रदेश में स्थित ऐसे सभी प्रतिष्ठानों यथा- कैफे, पब, बार, रेस्टोरेंट, होटल, बैंक्वेट हॉल, इवेंट वेन्यू, मॉल आदि जहाँ अधिक संख्या में लोग एकत्रित होते हैं, का अग्निसुरक्षा के मानकों हेतु जिलाधिकारी से समन्वय कर समग्र फायर सेफ्टी ऑडिट करें।
▪️ अग्नि सुरक्षा हेतु उपलब्ध सभी उपकरणों की उपलब्धता, कार्यक्षमता एवं पर्याप्तता की गहन जाँच की जाए। सार्वजनिक एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों में स्थापित सभी फायर हाइड्रेंट पूर्णतः क्रियाशील रहें, यह सुनिश्चित किया जाए।
▪️ सभी संवेदनशील प्रतिष्ठानों में अनिवार्य रूप से— पर्याप्त अग्निशमन उपकरण, अग्निशामक यंत्र, आपातकालीन निकास का स्पष्ट चिन्हिकरण एवं उनका अवरोधमुक्त रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए। साथ ही प्रतिष्ठानों में नियुक्त स्टाफ को अग्निशमन संबंधी प्रशिक्षण समय-समय पर दिया जाए।
▪️ संवेदनशील प्रतिष्ठानों का नियमित आकस्मिक निरीक्षण किया जाए तथा मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जाए।

*अन्य प्रमुख निर्देश*
▪️ शीतकालीन चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था एवं यातायात नियंत्रण हेतु जनपदों को व्यापक निर्देश दिए गए।
▪️ गंभीर अपराधों के वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी, पैरोल/जमानत पर रिहा बंदियों की कारागारों में वापसी तथा अवैध संपत्ति जब्तीकरण संबंधी मुख्यालय द्वारा संचालित विशेष अभियान की समीक्षा करते हुए अधिक प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया।
▪️ NDPS Act के अंतर्गत वाणिज्यिक मात्रा वाले लंबित अभियोगों का निस्तारण निर्धारित समय-सीमा के भीतर किया जाए।
▪️ पेशेवर अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट तथा NDPS एक्ट के तहत कार्यवाही कर अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को नियमानुसार कुर्क करने की कार्यवाही की जाए।
▪️ पुलिस कर्मियों के हित में आगामी विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश भी प्रदान किए गए।
बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक ने अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक सम्मेलन–2025 में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रमुख घटकों, आतंकवाद-रोधी रणनीतियों, साइबर क्राइम आदि विषयों पर प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री के विजन से अधिकारियों को अवगत कराया तथा सम्मेलन में प्राप्त सुझावों पर विस्तार से चर्चा की।
गोष्ठी में अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना एवं सुरक्षा अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन, पुलिस महानिरीक्षक पी/एम श्रीमती विम्मी सचदेवा, पुलिस महानिरीक्षक पीएसी श्रीमती नीरू गर्ग, पुलिस महानिरीक्षक की दूरसंचार कृष्ण कुमार वीके, पुलिस महानिरीक्षक, फायर मुख्तार मोहसिन, पुलिस महानिरीक्षक, साइबर नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक/ निदेशक यातायात एन एस नपलच्याल, पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी, पुलिस महानिरीक्षक, प्रशिक्षण अनन्त शंकर ताकवाल, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था सुनील कुमार मीणा सहित अन्य समस्त वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
