
– सूचना के अधिकार के तहत खुलासा

– ठेकेदार एवं एयरपोर्ट के अधिकारियों का गठजोड़, गरीब टैक्सी वालों पर पड़ रही भारी भरकम पार्किंग शुल्क की मार
देहरादून। एयरपोर्ट अथॉरिटी के पार्किंग शुल्क ठेकेदार और एयरपोर्ट के अधिकारियों द्वारा गठजोड़ बनाकर उत्तराखंड के टैक्सी कैब एवं मैक्सी कैब वाहन स्वामी एवं चालकों को डिस्प्ले बोर्ड पर गलत तथ्य एवं भ्रामक जानकारी को प्रकाशित कर भारी भरकम पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है।
टैक्सी एवं मैक्सी कैब का जो सरकारी पार्किंग शुल्क है वह कमर्शियल वाहनों को कि यात्रियों को एयरपोर्ट छोड़ते समय 10 मिनट तक फ्री पार्किंग के अधीन है और 10 मिनट से 30 मिनट तक 20 रुपए निश्चित है तत्पश्चात 30 मिनट से 120 मिनट तक 50 रुपए निश्चित है लेकिन पार्किंग ठेकेदार द्वारा 13 मिनट लेट के पश्चात ही यात्रियों को छोड़ते समय पार्किंग ठेकेदार द्वारा कमर्शियल वाहन स्वामियों से 345 रुपए टैक्सी कैब एवं मैक्सी कैब कमर्शियल वाहनों से वसूले जा रहे हैं
टैक्सी कैब एवं मैक्सी कैब के कमर्शियल वाहन स्वामियों द्वारा यात्रियों को एयरपोर्ट से पिकअप करते समय एयरपोर्ट से पिकअप करने के लिए ही प्रवेश करते ही 345 वसूले जा रहे हैं जबकि सरकारी पार्किंग शुल्क 60 रुपए निश्चित है।

एयरपोर्ट के पार्किंग स्थल विराम स्थल पर टैक्सी कैब एवं मैक्सी कैब के लिए सरकारी पार्किंग शुल्क के 30 मिनट तक 50 रुपए निश्चित है लेकिन पार्किंग ठेकेदार द्वारा पार्किंग शुल्क 250 रुपए लिया जा रहा है जिससे पार्किंग स्थल पर वाहन स्वामी पार्किंग करते समय 250 रुपए और उसके पश्चात यात्रियों को एयरपोर्ट से लाने का 345 रुपए कुल योग 595 रुपए नियम विरुद्ध लिए जा रहे हैं।
यह सारी जानकारी विजय वर्धन डंडरियाल आरटीआई एक्टीविस्ट द्वारा आरटीआई के माध्यम प्राप्त की गई है। और उनके द्वारा माननीय उड्डयन मंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखकर एयरपोर्ट अधिकारियों एवं पार्किंग शुल्क के ठेकेदार के गठजोड़ की अवैध वसूली की जांच कर पार्किंग ठेके को निरस्त करने की मांग की गई है।


