
विधानसभा अध्यक्षा के नेतृत्व में कोटद्वार शहर की समस्याओं पर रचनात्मक विमर्श: प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और नागरिक संगठनों ने मिलकर खोजे समाधान

रचनात्मक संवाद के साथ आगे बढ़ा कोटद्वार, सुदृढ़ प्रशासनिक साझेदारी पर बल
समन्वित प्रयासों से शहर में सुधार की राह आसान, सकारात्मक विमर्श से बनी सहमति
पौड़ी। कोटद्वार शहर में ट्रैफिक दबाव, अतिक्रमण, पार्किंग, पेयजल–सीवर और अन्य स्थानीय मुद्दों के समाधान के उद्देश्य से विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खंडूरी की अध्यक्षता में भूमि संरक्षण कार्यालय, कोटद्वार में एक रचनात्मक और समस्या–समाधान केंद्रित जनसुनवाई बैठक आयोजित की गयी। बैठक में सहयोग, समन्वय और व्यावहारिक समाधान पर फोकस रहा।
अध्यक्षा ने कहा कि शहर की समस्याओं का प्रभावी समाधान तभी संभव है जब विभाग जिम्मेदारी के साथ आपसी समन्वय बढ़ाएं और कार्यों में गति लाएं। उन्होंने सभी विभागों से अपेक्षा व्यक्त की कि नागरिकों की शिकायतों को संवेदनशीलता के साथ समझा जाए और उन पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
नगर निगम के महापौर शैलेन्द्र रावत ने आवासीय भवनों को जल संयोजन देने में आ रही दिक्कतों, शहर में आवारा पशुओं की समस्या तथा बंदरों के उत्पात को लेकर स्थिति साझा की। उन्होंने कहा कि विभागीय समन्वय बढ़े तो कई समस्याएँ शीघ्र सुलझ सकती हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्षा ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और कहा कि छोटी समस्याएँ भी जनता के लिए बड़ी असुविधा उत्पन्न कर सकती हैं, इसलिए प्राथमिकता के साथ समाधान किया जाए।
बैठक में व्यापार संघ ने बढ़ते वाहनों, सीमित पार्किंग, चालानी कार्रवाई और सड़क किनारे ठेलियों से व्यवस्था प्रभावित होने जैसे मुद्दे रखे। व्यापारियों की चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए अध्यक्षा ने नगर निगम और पुलिस प्रशासन को संतुलित व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लाइसेंसिंग व्यवस्था में व्यापार मंडल को शामिल किया जाए और मुख्य मार्गों पर पार्किंग–प्रबंधन को सुव्यवस्थित किया जाए, ताकि शहर की आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित न हों।
स्कूलों के बाहर लगने वाले जाम पर अध्यक्षा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि स्कूल बसें और वाहन परिसर के भीतर ही खड़े किए जाएँ। उन्होंने ओवरलोडिंग को गंभीर विषय बताते हुए परिवहन और पुलिस विभाग को सतर्क निगरानी के निर्देश दिए।
पार्षदों द्वारा देवीरोड–कौड़िया मार्ग पर भारी वाहनों से हो रहे नुकसान, नालों में ब्लॉकेज, एडीबी की धीमी प्रगति, सड़कों के क्षतिग्रस्त होने, सिंचाई गूलों के बंद होने, बिजली लाइनों की समस्या, राशन कार्ड अपडेट जैसी कई नागरिक शिकायतें सामने रखी गयीं। अध्यक्षा ने इन पर विभागवार समाधान सुझाते हुए कहा कि प्रत्येक विभाग यह सुनिश्चित करे कि उसका कार्य किसी अन्य विभाग की प्रगति को प्रभावित न करे। उन्होंने नालों और पाइपलाइन से जुड़े तकनीकी कार्यों में स्थायी समाधान अपनाने पर बल दिया।
प्रधानमंत्री आवास योजना की लाभार्थी रजनी जुयाल के मामले में उन्होंने निःशुल्क विद्युत संयोजन उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए। शहर में सूअर पालन, ओवरलोड खनन वाहन, ध्वनि प्रदूषण, और कर विभाग से संबंधित शिकायतों पर भी उन्होंने जिलाधिकारी को पृथक समीक्षा करने तथा त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
अंत में जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने आश्वस्त किया कि सभी विभाग दिशानिर्देशों का पालन करेंगे और शहर की मुख्य सड़कों से अतिक्रमण हटाने हेतु संयुक्त टीम आगामी पखवाड़े में कार्य प्रारंभ कर देगी। उन्होंने कहा कि कोटद्वार शहर की यातायात और नागरिक सुविधाएँ बेहतर बनाने की दिशा में यह बैठक एक सकारात्मक कदम है।
बैठक में प्रशासनिक समन्वय को विशेष रूप से रेखांकित किया गया, जहाँ विभिन्न विभागों ने शहर की समस्याओं को साझा दृष्टि से देखते हुए संयुक्त समाधान पर सहमति जताई। जिलाधिकारी, नगर निगम, पुलिस, जल संस्थान और एडीबी सहित सभी विभागों ने स्पष्ट किया कि कोटद्वार की चुनौतियाँ तभी तेजी से हल होंगी जब कार्य एक-दूसरे के साथ तालमेल में हों। इसी सामूहिक दृष्टिकोण ने बैठक को शिकायतों के निवारण से आगे बढ़ाकर सुदृढ़ प्रशासनिक साझेदारी की दिशा में एक सकारात्मक कदम बना दिया।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, प्रभागीय वनाधिकारी जीवन मोहन दगाड़े, नगर आयुक्त प्यारे लाल शाह, उपजिलाधिकारी शालिनी मौर्य, व्यापार संघ अध्यक्ष पंकज भाटिया तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
