
– कुमाऊं कमिश्नर ने CSC सेंटर पर मारा छापा, फर्जीवाड़े के नेटवर्क बड़ा होने की आशंका

हल्द्वानी। उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्थायी निवासी प्रमाण पत्र (Domicile Certificate) बनाने का बड़ा मामला सामने आया है। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने गुरुवार देर शाम हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में स्थित एक CSC सेंटर पर छापा मारकर इस पूरे फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया।
जनता दरबार में शिकायत मिली थी कि फर्जी दस्तावेजों की मदद से बाहरी लोगों को उत्तराखंड का स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके नाम पर बरेली निवासी एक व्यक्ति का स्थायी निवासी प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। इसके बाद कमिश्नर रावत ने मामले की गोपनीय जांच कराई।
जांच के दौरान पता चला कि हल्द्वानी तहसील में अर्ज़ीनवीस का कार्य करने वाला फैजान मिकरानी CSC सेंटर में बैठकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहा है। इसके बाद 13 नवंबर की शाम कुमाऊं कमिश्नर अचानक CSC सेंटर पहुंचे, जहां उन्हें कई संदिग्ध गतिविधियाँ मिलीं। केंद्र में मौजूद स्टाफ में तुरंत हड़कंप मच गया।
कुमाऊं कमिश्नर ने बताया कि फैजान मिकरानी ने आय प्रमाण पत्र बनवाने आए एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर अपने कब्जे में ले लिया और उसी नंबर का उपयोग कर दो फर्जी स्थायी निवास प्रमाण पत्र बना दिए। इनमें से एक प्रमाण पत्र UP के बरेली निवासी रईस अहमद के नाम पर जारी किया गया, जबकि पहचान के लिए हल्द्वानी निवासी रईस अहमद के दस्तावेज़ों का गलत तरीके से उपयोग किया गया।
छापेमारी के दौरान CSC सेंटर में कई व्यक्तियों के पर्सनल दस्तावेज़ों का ढेर मिला, जो वहां नहीं होना चाहिए था। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि फर्जीवाड़े का नेटवर्क बड़ा है और कई लोगों के दस्तावेज़ों का दुरुपयोग हो चुका है। कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि मामले में तहसील स्तर पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि फैजान मिकरानी ने अभी तक कितने फर्जी प्रमाणपत्र तैयार किए हैं। उन्होंने साफ कहा कि उत्तराखंड में इस तरह के अपराध को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अस्पष्ट सूत्रों से जानकारी मिली है कि सहायक अध्यापक की नौकरी के लिए भी कई बाहरी अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर domicile certificate बनवाए हैं। इसकी भी बारीकी से जांच होनी चाहिए।