
– स्मार्ट मीटर के खिलाफ राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ऊर्जा भवन में प्रदर्शन,आंदोलन की चेतावनी

– पदोन्नति न होने के विरोध में उत्तरांचल पावर एसोसिएशन ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया
मुख्य सचिव/अध्यक्ष ऊर्जा निगम के स्पष्ट आदेश हैं कि किसी की पदोन्नति न रोकी जाए
कुछ महीने पहले ऊर्जा निगम के गढ़वाल जोन में भी कनिष्ठ अभियंता को बना दिया था चीफ,बाद में हटाना पड़ा
पहाड़ का सच देहरादून। उत्तराखंड ऊर्जा निगम प्रबन्धन को अपनी नीतियों के कारण चौतरफा विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। बुधवार को उत्तरांचल पावर एसोसिएशन ने काली पट्टी बांधकर पदोन्नति न किए जाने का विरोध किया तो राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी को लेकर ऊर्जा भवन के बाहर प्रदर्शन किया।

पार्टी ने इस दौरान नारेबाजी करते हुए 15 दिन के अंदर स्मार्ट मीटर को लेकर ठोस निर्णय न लेने की स्थिति में निगम के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी। प्रदर्शन के बीच पहुंचे अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा गया।
बुधवार दोपहर स्मार्ट मीटर के विरोध में रीजनल पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता ऊर्जा भवन पहुंचे। प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं को सामान्य से कई गुना अधिक बिजली के बिल मिल रहे हैं।जिलाध्यक्ष नवीन पंत ने कहा कि उत्तराखंड में स्मार्ट मीटरों के स्थापना और संचालन से जुड़ी कई समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं। संजीव घिल्डियाल ने कहा कि ऊर्जा निगम की ओर से उपभोक्ताओं को बिना किसी पूर्व सूचना या सहमति के पुराने मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।
वन एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश ईष्टवाल ने कहा कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं का आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। प्रदर्शन के बीच पहुंचे अधीक्षण अभियंता डीएस पंवार को ज्ञापन सौंपा गया। इसमें बताया है कि उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटरों की जांच कराई जाए और दोषपूर्ण मीटरों को तुरंत बदला जाए। प्रदर्शन के दौरान मांग की गई कि मीटर स्थापना से पहले सभी उपभोक्ताओं की लिखित सूचना और सहमति अनिवार्य की जाए। शिकायत निवारण के लिए एक विशेष टास्क फोर्स गठित की जाए जो 15 दिनों के अंदर सभी शिकायतों का समाधान करें। उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाए और स्मार्ट मीटरों की सटीकता पर प्रमाणित रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
रीडिंग वाले बिलों का पुनर्मूल्यांकन किया जाए और अतिरिक्त राशि को वापस कराया जाए। इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल, किसान एकता मंचा के प्रवीण सिंह, योगेश ईष्टवाल, नवीन पंत, बीपी नौटियाल, सुभाष नौटियाल संजीव घिल्डियाल, परचीन बालियान आदि मौजूद रहे।
यूपीसीएल इंजीनियरों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध
पदोन्नति न होने के विरोध में यूपीसीएल के इंजीनियरों ने काली पट्टी बांधकर अपने दैनिक कार्य निपटाए। उत्तरांचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने जल्द पदोन्नति न होने पर क्रमिक अनशन की चेतावनी दी।
एसोसिएशन कहना है कि यूपीसीएल में कई वर्षों से अधिशासी अभियंता की पदोन्नति के लगभग 40 पद रिक्त चल रहे हैं पर पदोन्नति नहीं हो रही है। वहीं दूसरी ओर, कई अभियंताओं को एक से अधिक अतिरिक्त कार्यभार देखना पड़ रहा है, जिससे कार्यदक्षता प्रभावित होने की प्रबल संभावना है।
एसोसिएशन का कहना है कि वह वार्ता कर, मुद्दों के निराकरण के पक्षधर रहे हैं। इस गंभीर मुद्दे पर भी कई वर्षों से वार्ता की जा रही है लेकिन इतने वर्षों के उपरांत भी पदोन्नति नहीं की जा रही है। जिससे एसोसिएशन के सदस्यों को आंदोलनात्मक कार्रवाई के लिए विवश होना पड़ रहा है।
एसोसिएशन के सदस्यों का यह भी कहना है कि इस मुद्दे के अतिरिक्त अन्य मांगों जैसे, नवनियुक्त सहायक अभियंताओं के प्रारंभिक वेतन वृद्धि, टैरिफ की सुविधा, नवनियुक्त सहायक अभियंताओं स्थायीकरण, सहायक अभियंताओं का कोटा 58.33 फीसद किया जाना इत्यादि पर भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है। एसोसिएशन ने चेताया कि शीघ्र पदोन्नति नहीं की गई तो आंदोलन नोटिस के तहत उन्हें क्रमिक अनशन को बाध्य होना।

