
– राष्ट्रीय आयोग 18 माह में देगा अपनी अनुशंसाएं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बैठक में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के विचारार्थ विषयों को स्वीकृति प्रदान की।
आठवां केंद्रीय वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय होगा, जिसमें एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल रहेंगे। आयोग अपने गठन की तिथि से 18 माह के भीतर अपनी अनुशंसाएं प्रस्तुत करेगा। आवश्यकता पड़ने पर आयोग किसी विशेष विषय पर अंतरिम रिपोर्ट भी दे सकेगा।
आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करते समय निम्न बिंदुओं को ध्यान में रखेगा, देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता। विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता। गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की वित्तीय लागत।
राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर प्रभाव।
केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों एवं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए प्रचलित वेतन एवं लाभ।
पृष्ठभूमि:
केंद्रीय वेतन आयोगों का गठन समय-समय पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्तों, सेवानिवृत्ति लाभों और सेवा शर्तों की समीक्षा के लिए किया जाता है। प्रायः इन आयोगों की सिफारिशें प्रत्येक दस वर्ष के अंतराल पर लागू होती हैं। इसी क्रम में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं को 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने की संभावना है।
सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी, ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन एवं अन्य लाभों में आवश्यक संशोधनों पर विचार किया जा सके।

