
पहाड़ का सच, श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग द्वारा भारतीय भूगोलवेत्ताओं के संस्थान (आईआईजी) के 46 वें वार्षिक अधिवेशन एवं डायनेमिक अर्थ, फैजाइल एनवायरनमेंट एंड पाथ टू क्लाइमट रिज़िलिएट सॉसायटी विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ शनिवार को होगा। सम्मेलन में देश-विदेश के भूगोलवेत्ता एवं शोधार्थी अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।


शुक्रवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सम्मेलन के संयोजक प्रो. मोहन सिंह पंवार ने कहा कि गढ़वाल विवि के चौरास परिसर स्थित स्वामी मनमंथन प्रेक्षागृह में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शनिवार को शुभारंभ होगा। बताया कि सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर बतौर अतिथि कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में हेस्को देहरादून के संस्थापक पर्यावरणविद् एवं पद्मश्री डा. अनिल प्रकाश जोशी शिरकत करेंगे।

उन्होंने कहा कि सम्मेलन भू-विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर संवाद किया जायेगा। सम्मेलन में पृथ्वी प्रणाली की गतिशीलता, पारिस्थितिक अस्थिरता, जलवायु न्याय और सहनशील समाज निर्माण की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। साथ ही उत्तराखंड की बिगडती भौगोलिक पारिस्थितिकी पर भी विचार विमर्श किया जायेगा। सम्मेलन में भारत वर्ष के विभिन्न विश्वविद्यालय से भूगोल के वरिष्ठ प्रोफ़ेसर द्वारा अलग-अलग विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए जायेगा। जिससे सम्मेलन की वैश्विक अकादमिक महत्ता और बढ़ेगी।
प्रो. पंवार ने बताया कि तीनों दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में 30 से अधिक तकनीकी सत्र आयोजित किए जायेगे। जिनमें डायनेमिक अर्थ सिस्टम्स-हिमालयी हिमनद परिवर्तन, मरुस्थलीकरण, सूखा और बाढ़ अध्यय फैजाइल एनवायरनमेंट पर्वतीय पारिस्थितिकियाँ, चरम जलवायु घटनाएँ और पर्यावरणीय संकट जियो-इन्फॉर्मेटिक्स एवं मशीन लर्निंग बिग डेटा एनालिटिक्स और रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोग जलवायु परिवर्तन एवं न्याय वैश्विक नीतियाँ, समानता और सतत शासन शहरी एवं परिवहन भूगोल स्मार्ट सिटीज सहित अन्य विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। बताया कि 27 अक्टूबर को सम्मेलन के समापन सत्र में शैक्षणिक अनुशंसाएं और भविष्य की कार्ययोजनाएं प्रस्तुत की जाएंगी। जिसको नीति आयोग भारत सरकार एवं उत्तराखंड के सेतु आयोग सहित विधायकों के सम्मुख रखा जायेगा।
इस मौके पर प्रो. महावीर सिंह नेगी, प्रो. बीपी नैथानी, डा. राकेश सैनी, डा. धीरज कुमार शर्मा, डा. नरेंद्र कुमार, डा. विजयकांत पुरोहित, जन संपर्क अधिकारी आशुतोष बहुगुणा, डा. वीएस नेगी सहित आदि मौजूद थे।

