

देहरादून। आर्केडिया ग्रांट के बनियावाला में चल रही पारंपरिक रामलीला के चतुर्थ दिवस की लीला में राम बनवास का बड़ा मार्मिक मंचन किया गया।

आज की लीला में राजा दशरथ कहते हैं कि अब मुझे राजपाठ से क्या करना है अब में वन में जाकर प्रभु की भक्ति करूंगा। महाराज राम को बुलाकर कहते हैं कि बेटा राम समस्त मंत्रियों का मत है कि अब राजपाठ तुम्हे सौंप दूं। तो रामचंद्र जी माता कौशल्या से कहते हैं कि माता मुझे पिताजी राजपाठ सौंप रहे हैं, तो माता कौशल्या बहुत खुश होती है। तभी मंथरा को पता चलता है कि राम का राज्याभिषेक होने वाला है, तो वो कैकेई के कान भरने लगती है, और केकई की मति भ्रष्ट कर देती है, वो कोप भवन में चली जाती है।
राजा दशरथ रानी के भवन में आते हैं तो पूछते हैं कि रानी तुम क्यू दुःखी हो तो रानी कहती हैं कि राजा आपने मुझे दो वचन दिए थे, वो आज मांग रही हूं। एक वर में राम को चौदह वर्ष का वनवास और दूसरा वर भरत को अयोध्या का राजपाठ।
आज की रामलीला का आरंभ राधा कृष्ण कीर्तन मंडली, नंदन एनक्लेव के सुंदर भजनों के द्वारा किया गया। साथ ही मां जगदंबा कीर्तन मंडली की अध्यक्ष अनिता पोखरियाल, शशि पंत, एवं शोभा खांकरियाल का राम नाम के पटके पहनाकर स्वागत किया गया।
आज के मुख्य अतिथि कैप्टन बीरेंद्र सिंह बिष्ट, पूर्व सैनिक रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बनियावाला में श्री राम की सुंदर लीला का वर्णन किया जा रहा है जो कि क्षेत्रवासियों के लिए बड़े सौभाग्य की बात है। उनके साथ चन्दर शेखर जोशी, चन्दर थपलियाल, आचार्य शिव मंदिर, वीर सिंह पंवार, वीरेंद्र सिंह भंडारी, हर्षवर्धन पंत, व्यास जी के साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय जनता उपस्थित रही।
