
– निलंबन अवधि में रहेंगी उच्च शिक्षा निदेशालय से संबद्ध

पहाड़ का सच देहरादून। धामी सरकार ने तीन दिन पहले स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण को गंभीर मानते हुए कड़ी कार्रवाई की है। हरिद्वार में सेक्टर मजिस्ट्रेट के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने राजकीय महाविद्यालय अगरोड़ा, नई टिहरी की इतिहास विषय की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
Uksssc पेपर लीक मामला : परीक्षा केंद्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट निलंबित
आदेश के अनुसार, हरिद्वार जिले के एक परीक्षा केन्द्र से प्रश्नपत्र के पृष्ठ बाहर भेजे गए थे। जांच में सामने आया कि सुमन इस प्रकरण में लिप्त रही और उन्होंने प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट बांबी पंवार नामक व्यक्ति को वायरल करने हेतु उपलब्ध कराया। उन पर साल्वर के रूप में शामिल होने और सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाने के भी आरोप हैं। इसी सिलसिले में थाना रायपुर में उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।
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विभागीय आदेश में कहा गया है कि सुमन का कृत्य उत्तराखण्ड कर्मचारी आचरण नियमावली, 2002 का उल्लंघन है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और वे निदेशालय उच्च शिक्षा, हल्द्वानी से संबद्ध रहकर कार्य करेंगी।
सचिव रंजीत सिन्हा की ओर से यह आदेश आज गुरुवार को किये गए। 24 सितंबर को परीक्षा केंद्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट तिवारी को निलंबित किया गया था।
देखें निलंबन आदेश
उत्तराखण्ड शासन,उच्च शिक्षा अनुभाग-4, संख्या 333658
/XXIV-C-4-2025-04(09)/2025(E-92889)
देहरादून: दिनांक ऽसितम्बर, 2025
आदेश
श्रीमती सुमन, असिस्टेंट प्रोफेसर इतिहास, राजकीय महाविद्यालय, अगरोड़ा, नई टिहरी को, जिनके विरूद्ध निम्नलिखित आरोपों के सम्बन्ध में अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित है, को एतद्वारा तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता हैः-
(1) सचिव, उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा अपने पत्र संख्या-157/2025-26 दिनांक 22 सितम्बर, 2025 के माध्यम से अवगत कराया गया कि दिनांक-21.9.2025 को उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पूर्वान्ह 11:00 बजे से 1:00 बजे तक स्नातक स्तरीय पदों की लिखित प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की गयी। उक्त लिखित परीक्षा में जनपद हरिद्वार के अन्तर्गत 01 परीक्षा केन्द्र से 03 पृष्ठों की कुल 12 प्रश्न बाहर भेजे जाने की सूचना प्राप्त हुयी है। आयोग के संज्ञान में आया कि वर्ष 2018 से एक महिला सहायक प्रोफेसर जिसका नाम सुमन है, प्रश्न बाहर भेजने वाले के सम्पर्क में थी। उसके द्वारा सुमन को प्रश्नपत्र हल करने के लिए प्रेरित किया गया। सुमन द्वारा उक्त परीक्षा के प्रश्नपत्र का स्कीनशाट प्राप्त होने पर प्रशासन अथवा आयोग को उसकी सूचना उपलब्ध न कराते हुए बांबी पंवार नामक व्यक्ति को इस आशय से उपलब्ध करा दी गयी कि वह सम्बन्धित प्रकरण को वायरल कर दें।
(2) आयोग के संज्ञान में यह भी आया कि श्रीमती सुमन इस परीक्षा में गलत नीयत से साल्वर के रूप में लिप्त पायी गयी हैं। सुमन द्वारा आयोग की शुचिता, निष्पक्षता एवं गोपनीयता को भंग करने की साजिस में सम्मिलित रही तथा सोशल मीडिया व अन्य माध्यम से अफवाहें फैलाने का कार्य किया गया, जिसके क्रम में श्रीमती सुमन के विरूद्ध थाना रायपुर में एफ०आई०आर० दर्ज की गयी है।
(3) शिक्षक रूप में श्रीमती सुमन, असिस्टेंट प्रोफेसर इतिहास, राजकीय महाविद्यालय, अगरोड़ा, नई टिहरी का उक्त कृत्य अमर्यादित तथा अस्वीकार है, जिसके कारण राज्य सरकार एवं विभाग की छवि धूमिल हुई है। उक्त कृत्य उत्तराखण्ड कर्मचारी आचरण नियमावली, 2002 के प्रस्तर-3 (2) का स्पष्ट उल्लंघन है। अतः उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-2003 के प्रस्तर-4(7) के प्रावधानानुसार उक्त निलम्बन तब तक प्रभावी रहेगा जब तक श्रीमती सुमन, असिस्टेंट प्रोफेसर-इतिहास, राजकीय महाविद्यालय, अगरोड़ा, नई टिहरी के विरूद्ध की जा रही अनुशासनिक कार्यवाही को समाप्त न कर दिया जाय।
2-निलम्बन अवधि में श्रीमती सुमन, असिस्टेंट प्रोफेसर इतिहास, राजकीय महाविद्यालय, अगरोड़ा, नई टिहरी को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2 (भाग 2 से 4) के मूल नियम-53 के प्राविधानानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर मंहगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा, किन्तु इन्हें जीवन निर्वाह के साथ कोई मंहगाई भत्ता देय नहीं होगा।
यदि इन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ मंहगाई भत्ता अथवा मंहगाई
HES-ESTB/7/2025-XXIV-C–ingher Education Department (Computer No.3288)
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भत्ते का उपांतिक समायोजन प्राप्त नहीं था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं।
3-उपर्युक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जबकि श्रीमती सुमन, असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे हैं।
4-निलम्बन अवधि में श्रीमती सुमन, असिस्टेंट प्रोफेसर इतिहास, राजकीय महाविद्यालय, अगरोड़ा, नई टिहरी अग्रिम आदेशों तक उच्च शिक्षा निदेशालय, हल्द्वानी सम्बद्ध रहेंगी एवं निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तराखण्ड के दिशा-निर्देशानुसार कार्य करेंगी।
राज्यपाल के आदेश से,
Digitally signed by Ranjit Kumar Sinha
