
दो दिन की सख्त निगरानी के बाद आया पुलिस के कब्जे में

पहली गिरफ्तारी के बाद सवा साल तक जेल में बंद रहा था हाकम सिंह
देहरादून। पहली बार डेढ़ साल की जेल की सजा भुगतने के बाद जब नकल माफिया हाकम सिंह जमानत पर बाहर आया तो वह पुलिस की सर्विलांस पर था। इस बार दो दिन की सख्त निगरानी के बाद पुलिस ने उसे दबोचा। इस बार गिरफ्तारी के बाद नकल माफिया हाकम सिंह सख्त नकल विरोधी कानून के शिकंजे में है जिसमें गिरोह बनाने वाले को आजीवन कारावास व दस करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान तक है।
हाकम सिंह को पहली बार जब एसटीएफ ने गिरफ्तार किया, तब आज के देहरादून के एसएसपी अजय सिंह उस समय एसटीएफ प्रमुख थे। उसी वजह से एक बार फिर हाकम को दबोचने से पहले पुलिस ने अच्छा खासा होमवर्क किया और सफल हुई।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि हाकम पहली बार गिरफ्तार हुआ तो उसके लिंक में बड़े नाम सामने आए थे, जिससे जाहिर हुआ कि नकल माफिया के तौर पर उसकी जड़ें बेहद गहरी हैं। यही कारण रहा कि पुलिस प्रशासन ने उस दौरान कड़ी कार्रवाई की। हाकम करीब सवा साल जेल में बंद रहा। उस दौरान प्रशासन ने उसकी संपत्ति जब्त की और उत्तरकाशी स्थित गेस्ट हाउस को ध्वस्त कर दिया।
जमानत पर छूटने के बाद भी उस पर पुलिस निगाह रख रही थी। इस बात पुलिस को जैसे ही सूचना मिली कि हाकम फिर सक्रिय है और अभ्यर्थियों को पास कराने का झांसा दे रहा है तो एसटीएफ की टीम ने सबसे पहले उसके ऊपर तकनीकी सर्विलांस के जरिये दो दिन तक निगरानी रखी। लगातार उसकी कॉल्स पर सर्विलांस रखा, इस बीच उसको रिर्फ पंकज से बात हुई।
पंकज उससे कहता था कि कुछ अभ्यर्थी उसके संपर्क में है। उनसे रुपये लेकर रख लेते हैं, अगर अपने आप पास हो गए तो हमारा काम जैसे ही हो जाएगा, वरना आगे की परीक्षा में पास कराने का देकर देखेंगे। पुलिस ने बातचीत से संबंधित साक्ष्य भी जमा किए। दरअसल, इस निगरानी का बड़ा उद्देश्य यही जांच करना था कि कहीं हाकम एक बार फिर परीक्षा प्रणाली में सेंध तो नहीं लगा चुका है, जब यह पुष्टि हो गई कि वह सिर्फ झांसा देकर रुपये ऐंठना चाहता है तो पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्रवाई की। . नकल माफिया हाकम इस बार सख्त नकलरोधी कानून के शिकंजे में
नए कानून में गिरोह बनाने वाले को उम्रकैद व 10 करोड़ तक के जुर्माने का है प्रावधान
उत्तराखंड में पेपर लीक का सबसे बड़ा खिलाड़ी हाकम पहले भले ही 13 महीने में सुप्रीम कोर्ट से जमानत पा गया हो, लेकिन इस बार सख्त नकलरोधी कानून के शिकंजे में फंस गया है। इस कानून में गिरोह बनाकर नकल, पेपर लीक कराने वालों को उम्रकैद के साथ ही 10 करोड़ रुपये जुर्माने तक का सख्त प्रावधान है।
हाकम के काले चिट्ठों के इतिहास को खंगालने में पूरे प्रदेश के युवाओं में एक के बाद एक पेपर लीक सामने आने से दहशत फैल गई थी। एसटीएफ भी हैरान रह गई थी। परत खुलने लगी ती हाकम पर एक के बाद एक मुकदमें भी दर्ज होते गए।
जांच के बाद सबसे पहले अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पांच दिसंबर 2021 को हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा, 16 से 21 जुलाई 2021 को ऑनलाइन हुई वन दरोगा भर्ती परीक्षा और 26 सितंबर 2021 को हुई सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा रद्दद की। इसके बाद जब मामले खुलते रहे तो वाहन चालक भर्ती, अनुदेशक, कर्मशाला अनुदेशक भर्ती, मतस्य निरीक्षक भर्ती, मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार, पुलिस रैंकर्स भर्ती परीक्षा भी रद्द हो गई।
नए कानून के शिकंजे में फंसा हाकम .पहले हाकम को शिकंजे में लेने के लिए पुलिस कई कानून की धाराएं लगाई थीं, लेकिन नकल की लेकर पहले कानून में इतने प्रावधान नहीं थे। इस बार हाकम उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं उपाय) अध्यादेश 2023 के शिकंजे में फंस गया है।
इस कानून में कोई व्यक्ति, परीक्षा केंद्र के प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा के आयोजन में किसी भी जुड़े लोग पेपर लीक या अनुचित साधनों में शामिल पाए गए तो उन्हें आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान है। प्रदेश में अब यह संज्ञेय, गैर जमानती और अशमनीय अपराध है।
ऑनलाइन नहीं हो पाई थी भर्ती
पेपर लीक प्रकरण दो तरह के थे। पहले ऑफलाइन परीक्षाओं के पेपर सीधे प्रिंटिंग प्रेस से लीक करना और दूसरा अनिलाइन भर्ती परीक्षा में सेंध।आयोग ने वन दरोगा भर्ती परीक्षा 16 से 21 जुलाई 2021 के बीच ऑनलाइन कराई थी। इसमें 3 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे लेकिन हाकम सिंह ने इसका भी पेपर लीक कर दिया था। नतीजा यह हुआ कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ऑनलाइन परीक्षा कराने में हाथ खड़े कर किए कर ली। इसके बाद कोई भर्ती परीक्षा ऑनलाइन मोड में नहीं हुई।
स्नातक स्तरीय परीक्षा के लिए पुलिस अलर्ट .देहरादून। आज हो रही स्नातक स्तरीय परीक्षा को लेकर पुलिस ने विशेष तैयारी की है। हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और सतर्क हो गई है। परीक्षा के लिए करीब 1.20 लाख अभ्यर्थियों ने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए हैं।
पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के एसएसपी, एसपी का साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि 445 केंद्रों पर स्नातक स्तरीय परीक्षा होगी, जिसके लिएसभी तैयारियां की गई हैं। हर जिले में नोडल अधिकारी के रूप में एक राजपत्रित अधिकारी को नियुक्त किया गया है, जो व्यक्तिगत भ्रमण करेंगे। पर्यवेक्षण में लगातार परीक्षा केंद्रों. होटलों, कोचिंग सेंटर, संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता सखी जा रही है। सभी परीक्षा केंद्रों में पर्याप्त संख्या में पुलिस बात को तैनात किया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक ने निर्देश दिए कि सभी परीक्षा केंद्रों पर मेटल डिटेक्टर से चेकिंग सुनिश्चित की जाए। कोई भी इलेक्ट्रानिक उपकरण, ब्लूटूथ, कैमरा, चिप आदि परीक्षा कक्षों पर न ले जा सके। केंद्रों के आस-पास अनावश्यक लोगों को रुकने न दिया जाए। 200 मीटर परिधि के भीतर आने वाले समस्त होटल, धर्मशाला, होमस्टे, साइबर कैफे, इंटरनेट सेंटर, फोटोकापी की दुकानों का निरीक्षण करें। राज्य के बाहरी एवं संदिग्ध लोगों का समय रहते सत्यापन करने के निर्देश दिए।
रात्रि में भी थाना चौकी प्रभारी के प्रत्येक क्षेत्र के परीक्षा केंद्रों के सभी गेट, परिसर के आस-पास भ्रमण को कहा। पूर्व में परीक्षा सोल्वर गैंग के अपराधिक तत्वों की उपस्थिति की सक्रियता के बारे में भी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा समाप्ति तक प्रत्येक घंटे की सूचना पुलिस मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष में भी उपलब्ध कराई जाएगी।
परीक्षा प्रारंभ होने से पूर्व एवं परीक्षा के सम्पन्न होने पर सभी नोडल अधिकारी पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट देंगे। नोडल अधिकारी परीक्षा केंद्रों पर लगातार भ्रमण करेंगे और सोशल मीडिया पर भी समुचित निगरानी रखेंगे।
परीक्षा के दृष्टिगत, नकल माफियाओं, परीक्षा को प्रभावित करने वाले तत्वों की पहचान करने तथा आंतरिक रूप से इनसे मिले वाले व्यक्तियों की पहचान करने एवं उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेंगे। उन्होंने अभ्यर्थियों से अपील की है कि किसी बहकावे में न आएं। अफवाह पर ध्यान न दें। बैठक में महानिरीक्षक सीसीटीएनएस सुनील कुमार मीणा, उपमहानिरीक्षक धीरेंद्र गुंज्याल, sp अपराध पुलिस मुख्यालय विशाखा अशोक भदाणे भी शामिल हुए।
.वर्ष 2022-23 में आठ भर्तियां रदद हुई थीं पेपर लीक के कारण, 80 से अधिक आरोपी गए थे जेल
सितंबर 2021 को हुई थी सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा रद्द
परतें खुलीं तो हाकम पर एक के बाद एक मुकदमें भी दर्ज होते गए
पेपर लीक से सुर्खियों में आया था हाकम
भर्ती परीक्षाओं में नकल कराने का आरोपी हाकम सिंह सबसे पहले चार-पांच दिसंबर 2021 की हुई अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा और 26 दिसंबर 2021 को हुई सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक से सुर्खियों में आया था। करीव 42 वर्ष आयु का हाकम उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक के निवाड़ी गांव का निवासी है। मोरी में उसका एक रेस्ट हाउस भी चर्चा में आया था जिस पर उसकी पिछली गिरफ्तारी के बाद प्रशासन ने कुलडोजर चलवा दिया था। आरोप है कि उसने संगठित गिरोह के जरिए अभ्यर्थियों से करोड़ों रुपये वसूले थे। हाकम गांव और शहरों में अपने संपकों के जरिए उम्मीदवारों तक पहुंच बनाता है। उसके गिरोह का काम मेहनत कर रहे अभ्यर्थियों को बहका फुसलाकर आसान सफलता लालच देना है। उसका सहगोगी पंकज गौड़ (32) उत्तरकाशी में बड़कोट स्थित कदारी गांव के ब्लॉक नौगांव का रहने वाला है।
.निगरानी में बेनकाब हुई साजिश
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि परीक्षा से पहले ही पुलिस व एसटीएफ को इनपुट मिले थे कि अभ्यर्थियों को झांसा देने के लिए कुछ गिरोह सक्रिय हैं। इसी दौरान पंकज गौड़ के हाकम सिंह से जुड़े होने की जानकारी सामने आई। सर्विलांस और गोपनीय जांच से साफ हो गया कि दोनों डील करने में शामिल हैं। ऐसे में उन्हें पटेल नगर इलाके में दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ ने स्पष्ट किया है कि अब तक की जांच में प्रश्नपत्र की गोपनीयता या परीक्षा की शुचिता भंग होने का कोई सबूत नहीं मिला है। मामला केवल प्रलोभन देकर मोटी रकम ऐंठने का है।
