
– पुलिस की कार्य शैली पर सवाल, आईजी गढ़वाल को हटाने की मांग

– होमस्टे नियमावली का उल्लंघन पर कार्रवाई करे सरकार
पहाड़ का सच देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मसूरी में जॉर्ज एवरेस्ट केवल उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश की अमूल्य धरोहर है, जिसका संरक्षण और संवर्धन सरकार की जिम्मेदारी है। इसे किसी निजी व्यक्ति अथवा संस्था को सौंपना उत्तराखंड की जनता और उनके सांस्कृतिक अधिकारों के साथ धोखा है। उन्होंने इस मामले में पुलिस की कार्य शैली पर सवाल उठाते हुए आईजी गढ़वाल को हटाने की मांग की है।
कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत में करन माहरा ने मांग की कि राज्य सरकार शीघ्र इस निर्णय को वापस ले और जॉर्ज एवरेस्ट को जनता की अमानत के रूप में सुरक्षित रखे। यदि सरकार ने अपने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया तो कांग्रेस व्यापक जनआंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि जॉर्ज एवरेस्ट की भूमि को बाबा रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण को लाभ पहुंचाने के लिए देना उत्तराखंड की जनता के साथ धोखा है। यह मसूरी का प्रमुख पर्यटक स्थल है, जहां लोग प्राकृतिक सौन्दर्य, इतिहास और जॉर्ज एवरेस्ट के योगदान को नजदीक से देखने आते हैं। यह स्थल न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में भी अपनी पहचान रखता है।
पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि जॉर्ज एवरेस्ट की देखरेख और रखरखाव पर सरकार ने लगभग 23 करोड़ खर्च किए हैं, लेकिन इसे केवल 1 करोड़ वार्षिक की दर से 15 साल की लीज पर आचार्य बालकृष्ण से संबंधित कंपनी को सौंप दिया गया। बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण से जुड़ी कंपनियों को 142 एकड़ मूल्यवान हेरिटेज भूमि मात्र 1 करोड़ वार्षिक किराये पर दी गई है, जबकि इसकी बाजार कीमत लगभग 30 करोड़ से अधिक है।
माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तराखंड पर्यटन बोर्ड के माध्यम से दिसम्बर 2022 में जारी टेंडर में मिलीभगत की है। सरकार सरकारी भूमि को खुर्दबुर्द कर निजी लाभ ले रही है और जनता की आंखों में धूल झोंकते हुए टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी कर रही है।
उन्होंने कहा कि अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड को उत्तराखंड के सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच 13 किमी लंबे रोपवे प्रोजेक्ट के लिए 4,081 करोड़ का ठेका दिया गया, जबकि इस कंपनी का रोपवे निर्माण में कोई अनुभव नहीं है।
कांग्रेस अत्यधिक हेली सेवाओं का भी विरोध करती है। उड़ानों की सीमा तय होनी चाहिए ताकि पर्यावरण को नुकसान न हो, लेकिन पर्यावरणविदों की अनदेखी हो रही है। कच्चे पहाड़, भूस्खलन और क्षरण के खतरे को देखते हुए केदारनाथ में यह प्रोजेक्ट बड़े जोखिम ला सकता है।
करन माहरा ने कहा कि लगातार बारिश से कई जिलों में भारी नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर 20 हजार करोड़ की मांग की थी, जबकि राज्य सरकार ने केवल 5,700 करोड़ की मांग रखी और केंद्र ने सिर्फ 1,200 करोड़ की घोषणा की, जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। उन्होंने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। कानून व्यवस्था के मामले में उत्तराखंड अपराध दर में ऊंचे स्थान पर है और लगातार अपराध की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। प्रति लाख जनसंख्या पर 77 अपराध दर्ज हुए हैं, जो राष्ट्रीय औसत 65 से अधिक है। इस वर्ष उत्तराखंड में सबसे अधिक हत्याएं (208) और महिलाओं के साथ बलात्कार (534) हुए हैं।
2025 में महिलाओं के साथ अपराधों में वृद्धि हुई है और राजधानी देहरादून को महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों में गिना गया है। बच्चों के खिलाफ 1,245 मामले दर्ज हुए हैं। अपहरण में 5.1 प्रतिशत वृद्धि और साइबर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हुई है, जिसके लिए राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह विफल रहे हैं।
माहरा ने कहा कि भाजपा पार्षद मोनू बॉलर ने झूठी पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर 50 करोड़ से अधिक की भूमि खुर्दबुर्द कराई। एसआईटी जांच में दो पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी हुई, जो आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप के कार्यालय से संबंधित थे।
उन्होंने मांग की कि इनकी कॉल रिकॉर्डिंग व संपर्क की निष्पक्ष जांच पूरी होने तक राजीव स्वरूप को पद से हटाया जाए।
उन्होंने भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के होमस्टे पर चल रही पार्टी पर भी सवाल उठाए। होमस्टे नियमावली का उल्लंघन, प्रतिबंधित मादक पदार्थों का सेवन और जांच में अधिकारियों पर दबाव की शिकायत गंभीर है।
कांग्रेस दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग करती है।
राजीव भवन कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश प्रवक्ता सुजाता पॉल, मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला, महानगर अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी, महामंत्री नवीन जोशी तथा पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष राम रतन नेगी मौजूद रहे।
