

– पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर पहाड़ की बेटियों को लगाई बचाने की गुहार

– फोन पर मिल रही हैं जान से मारने की धमकियां
– लड़कियों पर फेसबुक के ज़रिये लड़कों से दोस्ती करने का दबाव
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक एनजीओ के जाल में फंसी पहाड़ी युवतियों का मामला सामने आया है। आरोप है कि एनजीओ मासूम लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर फंसाता है उनसे दुर्व्यवहार करता है और उनकी जमा पूंजी लूट लेता है। पीड़िताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और पूर्व राज्यपाल से मदद की गुहार लगाई है। एनजीओ लड़कियों पर फेसबुक के ज़रिये लड़कों से दोस्ती करने का दबाव डालता है।
वहीं एनजीओ के जंजाल से बचकर निकली युवती के पिता ने एनजीओ के कर्मचारियों पर उनकी बेटी के साथ दुर्व्यवहार समेत जमा पूंजी तक ठगने का आरोप लगाया है। खास बात यह है की कथित एनजीओ के लिए काम करने वाली पहाड़ की ही कुछ लड़कियां यहां की सीधी साधी युवतियों को नौकरी का झांसा देकर फंसा रही है।
चोरगलिया निवासी सिमरन ने बकायदा एसएसपी देहरादून को शिकायती पत्र भी दिया है साथ ही पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर पहाड़ की बेटियों को बचाने की गुहार लगाई है। कोसी घाटी के बेतालघाट, रामगढ़, ताड़ीखेत ब्लॉक समेत आसपास के तमाम गांवों की कई बेटियां देहरादून में एक कथित एनजीओ संचालित करने वाले गिरोह के चंगुल में फंस गई है। समीपवर्ती अल्मियाकाडे गांव निवासी सुरेंद्र सिंह मेहरा के अनुसार उनकी बेटी नीलम को भी मार्च में नौकरी के नाम पर देहरादून बुलाया गया। इसके खातों की जानकारी लेकर करीब एक लाख रुपये से अधिक की धनराशि निकाल ली गई।
बार बार घर से पैसे मंगाने का दबाव भी बनाया गया। खुलासा किया की नीलम को पहाड़ की ही एक लड़की ने जान पहचान बढ़ाकर नौकरी में लगाने का झांसा दिया। सुरेन्द्र सिंह ने कहा की बेटी बामुश्किल वहां से बचकर निकली है। अंदेशा जताया कि सैकड़ों लड़कियां कथित एनजीओ के शिकंजे में फंसीं हुई है।
एक पीड़ित सिमरन ने नेहरू कॉलोनी थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है और एनजीओ से जुड़े कुछ युवक-युवतियों के नाम भी पुलिस को सौंपे हैं। उसका कहना है कि अभी भी उसे फोन पर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उत्तराखंड की राजधानी में अगर ये काम हो रहा है तो इसकी सही से जांच होनी चाहिए, और इस प्रकार के एनजीओ को कानून के घेरे में लाना चाहिए।