

पर्यटन अधिकारियों ने कहा, भूमि व परिसंपत्तियों पर विभाग का स्वामित्व

भाजपा प्रवक्ता ने भी विभाग की पैरवी की, कांग्रेस को कोसा
कांग्रेस ने कहा , जॉर्ज एवरेस्ट में प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला : आर्य
टेंडर में शामिल सभी फर्मों का एक ही स्वामित्व,कांग्रेस के इस आरोप का जवाब न विभाग ने दिया और न भाजपा प्रवक्ता
पहाड़ का सच, देहरादून।
जॉर्ज एवरेस्ट मसूरी में सरकारी जमीन को मामूली किराए पर दिए जाने के मामले में कांग्रेस के आरोप के बाद पर्यटन विभाग ने सफाई दी है कि जमीन का आवंटन टेंडर प्रक्रिया से ही हुआ है। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। टेंडर में शामिल सभी फर्मों का एक ही स्वामित्व के सवाल पर कांग्रेस के इस आरोप का जवाब न विभाग ने दिया और न भाजपा प्रवक्ता ने ।
मसूरी में जार्ज एवरेस्ट की सरकारी जमीन के मामूली किराये के मामले ने फिर तूल पकड़ा
टेंडर प्रक्रिया पर उठे सवाल पर पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने कहा, एयरो स्पोट्र्स गतिविधियों के संचालन, प्रबंधन व विकास के लिए फर्मों के चथन में पूरी पारदर्शिता अपनाई गई है। ई-टेंडर प्रक्रिया से फर्मों का चयन किया है।

सचिव पर्यटन धीराज गबर्याल ने कहा कि पर्यटन विभाग ने 1987-88 में जिला प्रशासन से जार्ज एवरेस्ट में 172.91 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। एडीबी परियोजना के तहत जॉर्ज एवरेस्ट में 2019 में हैरिटेज पार्क का निर्माण कार्य शुरू किया गया। नवंबर 2022 में काम पूरा गया गया। इसमें 23.52 करोड़ की लागत से संग्रहालय, प्रयोगशाला, पांच कैफे के साथ पर्यटन अवस्थापना विकास कार्य किए गए। .सचिव पर्यटन का कहना है कि साल 2022 में एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों के संचालन व प्रबंधन के लिए टेंडर प्रक्रिया से तीन फर्मों ने आवेदन किए।
इसमें तकनीकी व वित्तीय मूल्यांकन के बाद राजस एरो स्पोर्टस एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड को 15 साल के लिए कार्य आवंटित किया गया। जमीन व परिसंपत्तियों पर स्वामित्व पर्यटन विभाग का है। वर्तमान में जॉर्ज एवरेस्ट में हिमालय दर्शन, वर्ड वाचिंग, एस्ट्रो टूरिज्म, म्यूजियम और पार्किंग संचालन राजस एरो स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से किया जा रहा है।
कांग्रेस का आरोप: नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने जॉर्ज एवरेस्ट क्षेत्र में पर्यटन विभाग की जमीन सालाना किराये पर देने के मामले को प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। उन्होंने पिछले दिन मीडिया को जारी बयान में कहा कि जिस कंपनी को जॉर्ज एवरेस्ट का ठेका दिया गया, वह बाबा रामदेव की पतंजलि से संबंध रखती है। आर्य ने कहा कि उत्तराखंड टूरिज्म बोर्ड ने मसूरी में एडवेंचर टूरिज्म के लिए एक टेंडर निकाला।
टेंडर हासिल करने वाले को 142 एकड़ भूमि (762 बीघा) को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के उप कार्यकारी अधिकारी ने राजस एरो स्पोर्टस एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड को केवल एक करोड़ रुपये सालाना किराये पर दे दिया। उन्होंने कहा कि मौके पर कंपनी ने 1000 बीघा जमीन कब्जाई है। कमाल की बात ये भी है कि टेंडर डालने वाली तीनों कंपनियों की मिलकियत बालकृष्ण के पास है। जमीन 30 हजार करोड़ तक के मूल्य की हो सकती थी। टेंडर की सारी प्रक्रिया ही एक कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए की गई। तीनों कंपनियों के बुक ऑफ अकाउंट्स के एक ही कार्यालय के पते हैं। आर्य ने कहा कि इस घोटाले की सीबीआई या रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी से जांच होनी चाहिए।

भाजपा प्रवक्ता ने की विभाग की पैरवी
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट में पर्यटन गतिविधियों के लिए आवंटन प्रक्रिया विधि सम्मत हुई है। विकसित स्थल की भूमि और संसाधन राज्य के हैं। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को झूठ का पुलिंदा और तथ्यों से परे बताया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के आरोप पर चौहान ने कहा कि पर्यटन विभाग की ओर से वर्ष 1987-88 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने जार्ज एवरेस्ट में कुल 172.91 एकड़ भूमि जिला प्रशासन के माध्यम से अधिग्रहित की थी। वर्ष 2019 में बाह्य सहायतित योजना (एडीबी प्रोजेक्ट) के अंतर्गत जॉर्ज एवरेस्ट हैरिटेज पार्क का निर्माण शुरू हुआ। जिसका निर्माण नवंबर 2022 में पूर्ण हुआ।
योजना के तहत जार्ज एवरेस्ट हाउस संग्रहालय, प्रयोगशाला, पांच हट्स कैफे आदि का निर्माण, कॉमन पार्क स्टेट रोड के तहत व अन्य पर्यटन गतिविधियों से अवस्थापना व्यवस्थाएं सृजित की गई। इन सभी कार्यों पर एडीबी के माध्यम से 23.52 करोड़ की लागत कार्य करवाया गया। यह परिसंपत्ति जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट मसूरी में एयरोस्पोर्टस गतिविधियों के संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 के तहत ई-टेंडर आमंत्रित किए गए।