हल्द्वानी। राज्य की फैक्ट्रियों और उद्योगों में श्रमिकों के साथ हो रहे शोषण और अन्याय को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने
गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक विस्तृत पत्र भेजकर इस संबंध में त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है।
उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों में मजदूरों से प्रतिदिन 12 घंटे तक काम कराया जा रहा है,जबकि श्रम कानूनों के तहत अधिकतम 8 घंटे कार्य की सीमा तय है। श्रमिकों को दिनभर में 1 घंटे विश्राम और सप्ताह में एक छुट्टी का अधिकार है, लेकिन अधिकांश स्थानों पर इसका पालन नहीं हो रहा।
यशपाल आर्य ने कहा कि 12 घंटे कठिन परिश्रम के बावजूद मजदूरों को मात्र 400 से 450 रुपये प्रतिदिन मजदूरी दी जाती है, जबकि महिला मजदूरों की स्थिति और भी दयनीय है, उन्हें केवल 200 रुपये प्रतिदिन पर काम करना पड़ रहा है। महंगाई के इस दौर में इतनी कम मजदूरी से श्रमिक अपने परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन न केवल अमानवीय व्यवहार है बल्कि गरीब मजदूरों के अधिकारों का हनन भी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि श्रम कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करवाया जाए, मजदूरों से 8 घंटे से अधिक काम न करवाया जाए और उन्हें न्यूनतम वेतन अधिनियम के अनुसार न्यायपूर्ण व सम्मानजनक मजदूरी मिले।
उन्होंने यह भी कहा कि महिला मजदूरों को पुरुष मजदूरों के समान मजदूरी दिलाई जाए ताकि उनके साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त किया जा सके। आर्य ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार मजदूरों के पक्ष में ठोस कदम उठाती है तो श्रमिक वर्ग को न्याय मिलेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।