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पहाड़ का सच/एजेंसी।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छठे और वर्तमान सरसंघचालक मोहन भागवत को उनके 75वें जन्मदिन पर बधाई दी और कहा कि उन्होंने अपना जीवन “सामाजिक परिवर्तन और सद्भाव एवं बंधुत्व की भावना को मजबूत करने” के लिए समर्पित कर दिया है। 11 सितंबर 1950 को पैदा हुए मोहन भागवत ने आज अपने जीवन के 75 साल पूरे कर लिए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भागवत वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत से प्रेरित थे, जो एक संस्कृत मुहावरा है जिसका अर्थ है ‘पूरा विश्व एक परिवार है।
प्रधानमंत्री ने भागवत के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए, एक नोट भी साझा किया, जो उन्होंने आरएसएस प्रमुख के “प्रेरक व्यक्तित्व” के लिए इस विशेष अवसर पर लिखा था।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 75 वर्ष के हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने एक लेख लिखकर उन्हें “एक भारत श्रेष्ठ भारत” का प्रबल समर्थक बताया। इस दिन की एक और बात उल्लेखनीय है। आज एक ऐसे व्यक्तित्व का जन्मदिन है, जिन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत से प्रेरित होकर अपना पूरा जीवन सामाजिक परिवर्तन और सद्भाव व बंधुत्व की भावना को मज़बूत करने के लिए समर्पित कर दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लाखों लोग उन्हें आदरपूर्वक परम पूज्य सरसंघचालक कहते हैं, जी हां, मैं मोहन भागवत जी की बात कर रहा हूं, जिनका 75वां जन्मदिन, संयोग से, उसी वर्ष पड़ रहा है जब आरएसएस अपनी शताब्दी मना रहा है। मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं और उनके दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।
यह भी एक सुखद संयोग है कि इस वर्ष विजयादशमी, गांधी जयंती, लाल बहादुर शास्त्री जयंती और आरएसएस शताब्दी समारोह एक ही दिन हैं. यह भारत और दुनिया भर में आरएसएस से जुड़े लाखों लोगों के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर होगा, और मोहन जी के रूप में हमारे पास एक अत्यंत बुद्धिमान और परिश्रमी सरसंघचालक हैं, जो इस कठिन समय में संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं।