

– भवन के लिए स्वीकृत हुआ था लगभग 15 करोड़ का बजट

– भवन का ठेकेदार आधा अधूरा निर्माण कार्य छोड़कर भागा
पौड़ी/रिखणीखाल। जनपद पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल प्रखंड के अन्तर्गत निर्माणाधीन राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज बड़खेत पैनों का भवन लगभग 11 सालों से कछुआ चाल से बन रहा है। ज्यादातर बन्द तो कभी- कभार काम शुरू, लेकिन अब कई महीनों से ठेकेदार आधा अधूरा व घटिया निर्माण कार्य छोड़कर फरार बताया जा रहा है।
विशेष ये है कि इस पॉलिटिनिक भवन के निर्माण के लिए ग्राम बड़खेत मल्ला के ग्रामीणों ने 200 ,नाली जमीन दान में दी थी, सोचा था कि क्षेत्र के लिए पॉलिटेक्निक भवन बनेगा, लेकिन ये सपना ही रह गया।
बड़खेत मल्ला के सामाजिक कार्यकर्ता देवेन्द्र सिंह नेगी ने जानकारी दी है कि इस निर्माणाधीन पॉलिटेक्निक भवन की हालत बहुत ही दयनीय और खराब है। उनका कहना है कि भवन के चारों ओर बड़ी बड़ी झाड़ियां उगी हैं, आने जाने तक का रास्ता नहीं है।भवन के अन्दर तभी जा सकते हैं, जब पटाखे आदि फोड़े जायें। ताकि भवन के अन्दर के जंगली जानवर भाग सकें।
भवन के निर्माण में लगे टाइल्स, मार्बल पत्थर, फाइबर, खिड़की, दरवाजे कांच के शीशे आदि जो भी सामान भवन लगा था, सब शरारती तत्वों ने तोड फोड़कर तहस नहस कर दिया है। भवन पर लगी कोई भी सामाग्री सुरक्षित नहीं है। भवन की छत भी जगह जगह से लीकेज है, बचे हुए कई कट्टे सीमेंट के डले बन गये हैं। बची हुई टाइल्स की पेटियां व अन्य शेष भवन निर्माण सामाग्री नष्ट हो चुकी हैं या तोडफोड कर दी गई हैं।
यहां सरासर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व सरकार को मालूम न हो। फिर भी सब अनजान, और लापरवाह बने हुए हैं। भवन के अन्दर का दृश्य देखकर, ऐसा लगता है कि यहाँ भूकम्प आया हो। कई बार स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों को इस बारे में जानकारी दी है, पर कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। भवन का काफी नुकसान हो चुका है।
ये सब जनप्रतिनिधियों की उदासीनता, अकर्मण्यता, लापरवाही उजागर करती है। भवन का ठेकेदार भी आधा अधूरा निर्माण कार्य छोड़कर भाग गया है। मिली जानकारी अनुसार भवन के लिए लगभग 15 करोड़ का बजट मिला था, जो कि नष्ट हो गया है।स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इसकी पूरी जानकारी है ।
भवन के अन्दर का दृश्य देखकर ऐसा लगता है कि यहाँ नशेडी प्रवृति व अश्लील हरकतें करने वालों का अड्डा हो। इसके भी प्रमाण मिले हैं। भवन के अन्दर बना चूल्हा, खाना पीना,पार्टियां भी होती हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अब इस राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज का कभी कोई भविष्य होगा, या नशेड़ियों का अड्डा फल फूलता रहेगा।