

पर्यावरणविदों ने कहा, यदि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ को रोकना ही होगा

हिमालय दिवस 2025 के उपलक्ष में उत्तरांचल उत्थान परिषद की पहल पर उत्तरांचल उत्थान परिषद एवं श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में विचार गोष्ठी
पहाड़ का सच देहरादून। हिमालय दिवस 2025 के उपलक्ष में उत्तरांचल उत्थान परिषद की पहल पर उत्तरांचल उत्थान परिषद एवं श्री गुरु राम राय विश्व विद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में पथरीबाग देहरादून में स्थित श्री गुरु राम राय (स्नातकोत्तर) महाविद्यालय के सभागार में “अस्थिर होता हिमालय
नैसर्गिक संरक्षण, समावेशी विकास एवं समाधान” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी में सामूहिक रूप से इस बात पर चिता व्यक्त की गई कि पर्यावरण संरक्षण की अनदेखी और अनियंत्रित विकास ने आपदाओं की घटनाओं में वृद्धि की है जो भविष्य के लिए और अधिक खतरनाक है
विचार गोष्ठी की अध्यक्षता श्री गुरु राम राय (स्नातकोत्तर) महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० प्रदीप सिंह एवं संचालन उत्तरांचल उत्थान परिषद के महामंत्री राजेश थपलियाल ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वाडिया हिमालय भू- विज्ञान संस्थान के पूर्व बरिष्ठ वैज्ञानिक पी.एस.नेगी, मुख्य वक्ता पर्यावरणविद् एवं प्रान्त संयोजक उत्तराखण्ड पर्यावरण एवं जल संरक्षण गतिविधि, विशिष्ट अतिथि ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के विचार नवाचार एवं पर्यावरण केन्द्र की निदेशक डा० रीमा पन्त उपस्थित रहे।
विचार गोष्ठी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉ पीएस नेगी द्वारा कार्यक्रम के अन्य अतिथियों एवं उत्तरांचल उत्थान परिषद एवं कतिपय अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर विचार-गोष्ठी का उद्घाटन किया गया। विचार गोष्ठी में उत्तरांचल उत्थान परिषद के पदाधिकारियों, सदस्य कार्यकर्ताओं, श्री गुरु राम राय (स्नातकोत्तर) महा विद्यालय के स्टाफ एवं छात्र -छात्राओं एवं अनेक बुद्धिजीवी व्यक्तियों ने भी प्रतिभाग किया।
विचार गोष्ठी के शुभारंभ में परिषद के महामंत्री ने उत्थान परिषद के कर्ताओं के साथ कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि एवं अन्य सभी अतिथियों का परिचय व सभी अतिथियों का बैज अलंकरण, स्मृति चिन्ह भेंट एवं शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। अपने स्वागत संबोधन में उत्थान परिषद के मंत्री यशोदानंद कोठियाल ने विभिन्न जनपदों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित संस्कार केन्द्रों, विभिन्न सेवा प्रकल्पों एवं उत्तरांचल उत्थान परिषद के द्वारा लाइब्रेरी एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी दी गई। उन्होंने उत्तरांचल उत्थान परिषद के विभिन्न सामाजिक एवं पर्यावरण संरक्षण के कार्यों का उल्लेख करते हुए हिमालय दिवस के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तरांचल उत्थान परिषद की ओर से प्रतिवर्ष किये जाने वाले कार्यक्रमों की सूची में हिमालय दिवस एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।
विचार गोष्ठी में उपस्थित मुख्य वक्ता पर्यावरणविद् सचिदानंद भारती ने पावर प्वाइंट प्रस्तुति के द्वारा उत्तराखण्ड के विभिन्न पर्वतीय क्षेत्रों क्षेत्रों में पर्यावरण एवं जल संरक्षण हेतु कतिपय परम्परागत एवं कतिपय अभिनव प्रयोगों के सकारात्मक परिणामों को समझाया। उन्होंने कहा कि विभिन्न हिमालयी राज्यों की भांति उत्तराखण्ड राज्य में भी समय-समय पर विभिन्न प्रकार की आफदायें आती रही हैं। लेकिन वर्षों पूर्व की तुलना में आज दैवीय आपदाओं से अत्यधिक जानमाल का नुक़सान क्यों हो रहा है ? इन कारणों पर विचार करना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि समय-समय पर आकाश एवं पृथ्वी पर प्राकृतिक हलचल होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। लेकिन अनेक जगहों पर मानव की कतिपय गलतियों के कारण भी ऐसी प्राकृतिक हलचलें भयंकर आपदाओं का कारण बनती हैं। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में पर्यावरण एवं जल संरक्षण के पहलुओं का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। पर्यावरण एवं जल संरक्षण की अनदेखी करना सभी हिमालयी राज्यों के अस्तित्व के लिए ख़तरनाक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डा पी एस नेगी ने अपने पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण के द्वारा हिमालय के विषय में हिमालय के निर्माण एवं विभिन्न भू-गर्भीय गतिविधियों के विषय में अब तक की गई खोजों के आधार पर अपना वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि हिमालय की विभिन्न पर्वत श्रृंखलाओं में एवं उनके नीचे समय समय पर भूकम्प एवं अन्य प्राकृतिक गतिविधियां होना स्वाभाविक है। ऐसी स्थिति में हमें इन खतरों से निपटने के लिए क्या करना चाहिए या क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए यह महत्वपूर्ण विषय है।
उन्होंने हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड में विगत कुछ वर्षों एवं हाल में भारी बारिश, ग्लेसियरों के खिसकने एवं बादल फटने की घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि पहाड़ी राज्यों की प्रकृति के अनुकूल सड़कों एवं उत्तरांचल उत्तरांचल उत्थान परिषद कार्यकारिणी एवं अन्य समस्त कार्यकर्ताओं कार्यों की सराहना की और साधुवाद दिया। विचार गोष्ठी कार्यक्रम के अध्यक्ष डा० प्रदीप सिंह ने हिमालयी राज्यों की समस्याओं के कारण एवं इन समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक उपायों पर अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित देवभूमि विचार मंच के संयोजक पृथ्वीधर काला, श्री गुरु राम राम (स्नातकोत्तर) महा विद्यालय देहरादून के छात्र अनिल नेगी एवं छात्र ने भी विचार गोष्ठी को संबोधित कर अपने विचार रखे। विचार गोष्ठी कार्यक्रम के सह संयोजक नरेश चन्द्र कुलाश्री ने कार्यक्रम के अन्त में कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि, अन्य अतिथियों एवं गोष्ठी कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों विचार गोष्ठी कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त कर सभी को धन्यवाद दिया। विचार गोष्ठी में सामाजिक कार्यकर्ता जगदम्बा नौटियाल ने हिमालय प्रतिज्ञा का वाचन किया, जिसे विचार गोष्ठी में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने दोहराकर हिमालय प्रतिज्ञा ली।
बैठक में उत्तरांचल उत्थान परिषद की उपाध्यक्ष ऊषा रावत, मंत्री यशोदानंद कोठियाल, धर्मानंद उनियाल आनन्द सिंह रावत एवं कार्यकारिणी सदस्य एवं कार्यकर्ता सर्वश्री नरेश चन्द्र कुलाश्री, विपुल जोशी, हिमांशु अवस्थी एवं अन्य गणमान्य अतिथि लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल, उमा दत्त सेमवाल, पृथ्वी धर काला, महेश चन्द्र, कालिका प्रसाद सेमवाल एवं राकेश राणा आदि अन्य कार्यकर्ता एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े व्यक्ति एवं हस्तियां उपस्थित रहीं।