

देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा इन दिनों कई चर्चाओं से घिरी हुई है। जहां एक तरफ पार्टी संगठन की प्रदेश कार्यकारिणी की नई टीम के गठन को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को इंतजार है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार की बात की जाए तो वहां पर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं हैं।

इसके विपरीत पार्टी में कुछ बड़े नेताओं की नाराजगी और कुछ विधायकों द्वारा केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद सुर्खियां बनी हुई हैं। अमित शाह से मुलाकात करने वाले विधायकों में पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे भी शामिल हैं। उन्होंने अमित शाह से मुलाकात करने के बाद सरकार पर कई निशाने साधे थे। उनके विवादित बयानों ने सरकार को और संगठन को असहज किया था।
इसी बयानबाजी को लेकर आज उन्हें प्रदेश अध्यक्ष द्वारा पार्टी कार्यालय बुलाया गया था। तकरीबन 1 घंटे तक प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने अरविंद पांडे से बातचीत की। निश्चित तौर से बंद कमरे के अंदर अरविंद पांडे ने अपनी शिकायतें प्रदेश अध्यक्ष के सामने रखी होंगी। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा भी उन्हें आश्वासन दिया गया कि जो भी बात है, आप उसे पार्टी फोरम पर ही कहें। इस तरह की बयानबाजी से पार्टी की छवि धूमिल होती है।
प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री और गदरपुर से भाजपा विधायक अरविंद पांडे ने कहा कि वह समानता से प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात करने आए थे। इस दौरान हमने उनके बयानों पर हो रही चर्चाओं को लेकर भी सवाल किया। उन्होंने कहा कि वह आज भी अपने बयान पर टिके हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है।
केंद्र सरकार उत्तराखंड के लिए लगातार तत्पर है. लेकिन कुछ ऐसे छोटे अधिकारी हैं, जो कि इस तरह के कार्य कर रहे हैं जिससे सरकार के बड़े कामों के बावजूद भी छोटे कामों से छवि धूमिल हो रही है।
उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि वह अपने नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। इसी क्रम में आज अरविंद पांडे को पार्टी कार्यालय बुलाया गया था। उसके बाद बिशन सिंह चुफाल से भी वह बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी में विधायक एक जनप्रतिनिधि के रूप में चुनकर आता है। उसके क्षेत्र में तमाम समस्याएं होती हैं। वैसे तो विधायक सरकार और पार्टी के स्तर पर अपनी जन समस्याओं से जुड़े सभी मुद्दों को रखता है। लेकिन उसके बावजूद भी कभी अगर ऐसे मामले सामने आते हैं, तो पार्टी विधायकों से और अपने जनप्रतिनिधियों से मिलकर चर्चा करती है और ऐसे विषयों का संज्ञान लेती है। पार्टी द्वारा यह स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी विषय होता है, तो उसे पार्टी प्लेटफार्म पर रखें, ना कि इधर-उधर बयानबाजी करें।