

काबिना मंत्री गणेश जोशी हैं कृषि मंत्री,खुद भी कई आरोपों में घिरे: गरिमा

कांग्रेस ने सरकार पर जड़े आरोप, कृषि व भूमि संरक्षण अधिकारी रायपुर हैं राजदेव पंवार
पहाड़ का सच देहरादून। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत डेढ़ करोड़ की गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोप में निलंबित चल रहे कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी रायपुर राजदेव पंवार की बहाली पर कांग्रेस ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने मीडिया के सामने कई समाचार पत्रों की प्रतियां पेश किए जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका की जांच रिपोर्ट भी शामिल है। कांग्रेस प्रवक्ता ने शनिवार को देहरादून में कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिलसिलेवार अधिकारी पर लगे आरोप भी गिने और उसकी बहाली के आदेश की कॉपी भी बांटी। उन्होंने कहा कि जैसा मंत्री वैसा की अधिकारी।
देखें क्या कहा कांग्रेस प्रवक्ता ने:
“कृषि विभाग का बड़ा खेल – घोटालेबाज को बचाया, किसानों का हक मारा”- गरिमा
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में हुआ डेढ़ करोड़ से अधिक का पुख्ता घोटाला अब भाजपा सरकार और कृषि विभाग की सांठगांठ और भ्रष्टाचार की सच्चाई को उजागर करता है ये कहना है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का।
शनिवार को प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों के सम्मुख दसौनी ने सभी तथ्य रखें उन्होंने बताया कि तत्कालीन जिलाधिकारी देहरादून सोनिका सिंह की जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से सिद्ध हो गया था कि रायपुर में तैनात कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी राजदेव पवार ने फर्जी लाभार्थियों के नाम पर करोड़ों की राशि का गबन किया।
किसानो को थी एक साल से न्याय की आस। जिलाधिकारी की जाँच के साथ ही कृषि विभाग के संयुक्त कृषि निदेशक दिनेश कुमार ने की थी विस्तृत जाँच, 25 किसानो के मौक़े पर बयान लिए गए थे , योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष में २०० किसानो को लाभ देना बताया गया था , बाक़ी 175 किसानो की भी होनी थी जाँच , पर विभाग ने कदाचारी अधिकारी को सभी आरोपों से ही बरी कर दिया । ग्रामीणों और किसानों ने भी इसकी शिकायत की थी और जांच रिपोर्ट ने इसे पुष्ट किया।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि हाल ही में एक कृषि विभाग ने उसी अधिकारी को क्लीन चिट देकर दोषमुक्त करार दे दिया। गरिमा ने कहा कि अब सवाल सीधा है यदि अधिकारी निर्दोष है तो डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला किसने किया? सरकारी खजाने से जो पैसा निकला वह आखिर किसकी जेब में गया?
क्या भाजपा सरकार किसानों का पैसा बचाने आई है या भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने? दसौनी ने कहा कि यह केवल एक अधिकारी का भ्रष्टाचार नहीं बल्कि सत्ता के संरक्षण में हुआ संगठित घोटाला है। गरिमा ने कहा कि भाजपा सरकार ने जानबूझकर इस अधिकारी को बचाकर किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।
इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता ने राज्य सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच कराई जाए।
अधिकारी और उसे बचाने वाले विभागीय अफसरों व नेताओं पर आर्थिक अपराध का मुकदमा दर्ज हो।
किसानों और ग्रामीणों का हक तुरंत लौटाया जाए
विभागीय स्तर पर ऐसे भ्रष्टाचारियों की संपत्ति जब्त की जाए।
दसौनी ने कहा कि भाजपा सरकार के राज में योजनाओं का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है और किसान आज भी सिंचाई के लिए तरस रहे हैं। यह सरकार भ्रष्टाचारियों की ढाल और किसानों के लिए काल बन चुकी है।
गरिमा मेहरा दसौनी
मुख्य प्रवक्ता उत्तराखंड कांग्रेस