
देश में शेरों की आबादी 891 हुई, मादाओं की संख्या 330 हुई

गुजरात का अमरेली है शेरों की आबादी में नंबर वन
पहाड़ का सच/एजेंसी नई दिल्ली।
भारत में एशियाई शेरों की आबादी में बेहतरीन वृद्धि हुई है। रविवार को जारी 16वीं शेर गणना रिपोर्ट के मुताबिक, देश में शेरों की आबादी 674 से बढ़कर 891 हो गई है। इसमें सीधे 32 फीसद का इजाफा हुआ है। शेरों की वयस्क मादाओं की संख्या 260 से 26.9 फीसदी बढ़कर 330 हो गई है। बर्दा वन्यजीव अभयारण्य में नई उपग्रह आबादी शामिल है। उपग्रह आबादी में कुल 497 शेर नौ जगहों पर हैं।
अमरेली जिले में शेरों की सर्वाधिक संख्या है। यहां 82 वयस्क नर, 117 वयस्क मादा और 79 शावक हैं। शेरों की आबादी में 100 फीसदी के साथ सर्वाधिक वृद्धि मिटियाला अभयारण्य और आसपास में देखी गई। भावनगर मुख्यभूमि में शेरों की आबादी 84 फीसद और दक्षिण पूर्वी तट में 40 फीसद है। हालांकि, गिरनार वन्यजीव अभयारण्य (-4 फीसद) और भावनगर तट (-12 फीसद) में शेरों की आबादी में गिरावट दर्ज की गई।
एशियाई शेरों का घर होने पर गर्व : भूपेंद्र
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पर पोस्ट किया, भारत एशियाई शेरों का घर होने पर बहुत गर्व महसूस करता है। विश्व शेर दिवस के अवसर पर भूपेंद्र यादव ने कहा कि 130 साल बाद गुजरात के बर्दा अभयारण्य में एशियाई शेरों की ऐतिहासिक वापसी और राज्य में उनकी आबादी में लगातार इजाफा, जलवायु परिवर्तन निपटने में भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
मुख्य निष्कर्ष:
कुल संख्या:
891 एशियाई शेर (2020 में 674 से 32.2 फीसद वृद्धि)
वितरण:
384 शेर संरक्षित वन और अभयारण्य क्षेत्रों में
507 शेर गैर-वनीय क्षेत्रों में (2020 में 340 से वृद्धि)
44.22 फीसद शेर पारंपरिक संरक्षित आवासों से बाहर रहते हैं।
प्रमुख क्षेत्र:
गिर राष्ट्रीय उद्यान और आसपास के अभयारण्यों में 394 शेर।
सबसे अधिक शेर:
अमरेली जिले में 257 शेर।
मितियाला वन्यजीव अभयारण्य:
शेरों की संख्या दोगुनी होकर 32 हो गई है।
