
पहाड़ का सच, देहरादून।
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी अल्मोड़ा में बीसीए द्वितीय वर्ष की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला फिर गरमा गया है। राज्य महिला आयोग ने एसएसपी नैनीताल को जांच के निर्देश दिए हैं। यूनिवर्सिटी इसे आत्महत्या मान चुकी है जबकि मृतक के माता पिता ने उनकी बेटी की मौत का कारण रैगिंग बताया है।।

मृतका का शव 30 जुलाई को हॉस्टल की छत से लटका मिला, जिसे कॉलेज प्रशासन ने आत्महत्या करार दिया है। मगर पीड़िता के पिता ने इस मौत की वजह रैगिंग को बताया है, जिससे मामला गंभीर रूप ले चुका है।पीड़िता के पिता ने दावा किया है कि उनकी बेटी ने कॉलेज में हो रही रैगिंग की जानकारी उन्हें दी थी और कुछ वीडियो भी भेजे थे। उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही और सहयोग न करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनकी बेटी मजबूत इच्छाशक्ति वाली और हंसमुख थी, वह आत्महत्या नहीं कर सकती।
इस प्रकरण को लेकर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने स्वतः संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल से फोन पर वार्ता की है और मामले की गंभीर जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “यदि रैगिंग जैसी घिनौनी हरकत की गई है, तो यह अत्यंत निंदनीय है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
कण्डवाल ने यह भी कहा कि छात्रा की मौत के सभी पहलुओं की गहन जांच की जानी चाहिए ताकि सच सामने आ सके — चाहे वजह रैगिंग हो, मानसिक दबाव हो या कोई अन्य कारण।
छात्रा की मौत ने एक बार फिर से कॉलेज परिसरों में रैगिंग और मानसिक दबाव जैसे विषयों को चर्चा में ला दिया है। अब देखना यह होगा कि जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और क्या वाकई इस मौत के पीछे रैगिंग है या कुछ और।
