
सेवाओं में सुधार के लिए सीएम ने दिए निर्देश, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने मांगा स्वास्थ्य विभाग से विस्तृत प्रस्ताव

. सभी अस्पतालों में जिला प्रशासन नियुक्त करेगा प्रशासनिक अधिकारी
बनेगी हेल्प डेस्क, तैनात होंगे जन संपर्क अधिकारी
पहाड़ का सच देहरादून।
प्रदेश में हाल में घटित घटनाओं का संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव करने की तैयारी कर रही है। सरकार स्वास्थ्य आयुक्त से लेकर मेडिकल कॉलेजों में एम्स की तर्ज पर डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन पद सृजित करने पर विचार कर रही है। सभी अस्पतालों में जिला प्रशासन प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त करेगा तथा मरीजों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क बनेगी जिसमें जन संपर्क अधिकारी तैनात होंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शनिवार को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आर.के. सुधांशु ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव और उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर, हाल में घटित घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए, किसी प्रकार की लापरवाही और अव्यस्था के लिए सर्वसंबंधित की जिम्मेदारी तय करते हुए विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव ने सभी जिला चिकित्सालयों सहित महत्वपूर्ण चिकित्सालयों में एक हेल्पडेस्क बनाने के निर्देश दिए।
इन हेल्पडेस्क पर अनिवार्य रूप से पीआरओ की उपस्थिति रहेगी, जो मरीजों और उनके तीमारदारों को सहायता प्रदान करेंगे। उन्होंने जिला प्रशासन के जरिए जिला चिकित्सालय एवं उप-जिला चिकित्सालयों में एक जिला स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी की तैनाती रोस्टर के आधार पर करने के निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव ने विभिन्न चिकित्सालयों में उपलब्ध आयुष्मान हेल्प डेस्क (आयुष्मान मित्र) की व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य आयुक्त की आवश्यकता पर भी विचार किया जाए। इसके लिए एक सुसंगत एवं सुस्पष्ट प्रस्ताव शासन को प्रस्तुत किया जाए। इसी तरह विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन की आवश्यकता पर विचार करते हुए, एम्स के मॉडल का परीक्षण कर लिया जाए। उन्होंने चिकित्सालयों में भीड़ नियंत्रित करने के लिए अस्पतालों में होने वाली भीड़ और मरीजों की सुविधा OPD आदि की ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग के लिए सुदृढ़ सिस्टम भी विकसित किया जाएगा
बैठक में सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. शिखा जंगपांगी, निदेशक, चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना उपस्थित रहे।
भारत के लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य आयुक्त (Health Commissioner) का पद मौजूद है। यह पद राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग में एक महत्वपूर्ण पद होता है, जिसका मुख्य कार्य स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन और निगरानी करना है।
स्वास्थ्य आयुक्त का पद राज्य के स्वास्थ्य विभाग में एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक पद होता है। स्वास्थ्य आयुक्त, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और सचिव के मार्गदर्शन में काम करते हैं।
स्वास्थ्य आयुक्त के मुख्य कार्यों में शामिल हैं:
स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन और निगरानी करना।
स्वास्थ्य नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करना।
स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण करना और रिपोर्ट तैयार करना।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की पहचान करना और उनका समाधान करना।
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का प्रबंधन करना।
स्वास्थ्य आयुक्त का पद, राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कुछ राज्यों में स्वास्थ्य आयुक्त के पद के नाम इस प्रकार हैं:
आंध्र प्रदेश: स्वास्थ्य आयुक्त (Commissioner of Health)
असम: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण आयुक्त (Commissioner of Health and Family Welfare)
बिहार: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव (Principal Secretary of Health Department)
दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव (Principal Secretary of Health and Family Welfare Department)
गुजरात: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के आयुक्त (Commissioner of Health and Family Welfare Department)
हरियाणा: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के आयुक्त (Commissioner of Health and Family Welfare Department)
कर्नाटक: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के आयुक्त (Commissioner of Health and Family Welfare Department)
केरल: स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (Director of Health Services)
मध्य प्रदेश: स्वास्थ्य आयुक्त (Commissioner of Health)
महाराष्ट्र: स्वास्थ्य सेवाओं के आयुक्त (Commissioner of Health Services)
राजस्थान: चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (Director of Medical and Health Services)
तमिलनाडु: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के निदेशक (Director of Health and Family Welfare)
उत्तर प्रदेश: चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा विभाग के महानिदेशक (Director General of Medical and Health Services)
उत्तराखंड: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के निदेशक (Director of Health and Family Welfare)
पश्चिम बंगाल: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के निदेशक (Director of Health and Family Welfare
