
सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई

प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक ने भी स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं को जांच सौंपी
सीएमओ बागेश्वर की जांच रिपोर्ट में डॉक्टर निर्दोष, एम्बुलेंस स्टाफ कसूरवार
पहाड़ का सच देहरादून/ बागेश्वर।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागेश्वर में डेढ़ साल के सैनिक पुत्र की मौत के मामले में कुमाऊ कमिश्नर को जांच के आदेश दिए हैं।प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक डा. सुनीता टम्टा ने भी विभागीय जांच बिठाई है। उधर, सीएमओ बागेश्वर ने आनन फानन में टीम का गठन कर जांच कराई। टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टरों को क्लीन चिट दे दी गई है जबकि एंबुलेंस स्टाफ हटाने की संस्तुति की है।
सीएम धामी ने कहा कि बागेश्वर में बच्चे की चिकित्सा सुविधा में लापरवाही से मौत का मामला दुर्भाग्यपूर्ण व पीड़ादायक है। अब तक मिली जानकारी में प्रथम दुष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कतिपय स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती है।
इस संवेदनशील प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए कुमाऊं आयुक्त को तत्काल जांच के आदेश दिए गए। इस मामले में यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता पाई गई तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जनता के विश्वास और जीवन सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक ने भी बैठाई जांच
देहरादून। चमोली जिले के चिडंगा गांव निवासी सैनिक दिनेश चंद्र के डेढ़ साल के बेटे की गढ़वाल व कुमाऊं के पांच अस्पतालों में इलाज न मिलने से मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिए। प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक डा. सुनीता टम्टा ने निदेशक स्वास्थ्य कुमाऊं की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित करने के आदेश दिए। उन्होंने निदेशक को मामले की जांच रिपोर्ट निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए। जांच के आधार पर विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि चिडंगा गांव के सैनिक दिनेश चंद्र के बेटे शुभांशु जोशी की अचानक तबीयत खराब होने पर परिजन उसे ग्वालदम अस्पताल लाए। जहां पर उसे कुमाऊं मंडल के बैजनाथ रेफर किया। वहां पर भी इलाज न मिलने पर जिला चिकित्सालय बागेश्वर रेफर किया। जहां से डॉक्टरों ने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए हायर सेंटर रेफर किया।
सीएमओ बागेश्वर की जांच टीम में निर्दोष पाए गए डॉक्टर, एंबुलेंस स्टाफ को हटाने की संस्तुति
सैनिक के अबोध बच्चे की मौत के बाद सीएमओ बागेश्वर ने आनन फानन में टीम का गठन कर प्रकरण की जांच कराई। तीन सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट में डॉक्टरों को निर्दोष और एम्बुलेंस स्टाफ को कसूरवार बताया गया है। एम्बुलेंस मिलने में हुई देरी के लिए एम्बुलेंस स्टाफ को हटाने की संस्तुति की गई है।
बुधवार को मासूम बच्चे की मौत के बाद समूचे स्वास्थ्य विभाग में हलचल देखने को मिली। सीएमओ ने सुबह की एसीएमओ डॉ. अनुपमा प्रमोद जंगपांगी और सीएमएस डॉ. तपन कुमार शर्मा सहित तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी को पूरे प्रकरण में चिकित्सकों और 108 सेवा की भूमिका की जांच करा तीन बजे तक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
सीएमएस डॉ. शर्मा ने कि बच्चे को दिमागी बुखार की शिकायत थी। स्थिति गंभीर होने के कारण उसे वैजनाथ से जिला अस्पताल रेफर किया गया था। बाल रोग विशेषज्ञ उस समय राउंड पर थे। उन्होंने बच्चे की पूरी जांच कर उसे हॉयर सेंटर रेफर करने की सलाह दी। इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर भूपेंद्र घटियाल बच्चे को एम्बुलेंस मिलने तक वहीं मौजूद रहे। इस मामले में 108 की सेवा की पूरी लापरवाही रही। सात बजे फोन करने के बाद 9.30 बजे तक एम्बुलेंस का इंतजार करना पड़ा।
