
कुम्भ मेला-2027 के लिए 82 पदों को मंजूरी

.कस्टम बांड पर डिजिटल ई-स्टाम्पिंग की सुविधा
पहाड़ का सच देहरादून।
धामी कैबिनेट ने बुधवार को राज्य के लिए तीन महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी। आगामी हरिद्वार कुम्भ मेला-2027 की तैयारियों , शिक्षकों की सेवा नियमावली में संशोधन व कस्टम बांड पर डिजिटल ई-स्टाम्पिंग लागू करने जैसे अहम फैसले लिए गए।
कुम्भ मेला-2027 के लिए 82 पद सृजित
जनवरी से अप्रैल 2027 तक हरिद्वार में होने वाले कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिए मेला अधिष्ठान कार्यालय में कुल 82 पदों (9 स्थायी, 44 अस्थायी और 29 आउटसोर्स) के सृजन को मंजूरी दी गई। इन पदों के माध्यम से मेले की विभिन्न व्यवस्थाओं को समय रहते व्यवस्थित किया जाएगा।
शिक्षकों की सेवा नियमावली में संशोधन
उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली-2022 में संशोधन करते हुए प्रधानाचार्य पद की सीमित विभागीय परीक्षा के पात्रता मानकों में बदलाव किया गया। अब प्रवक्ता और सहायक अध्यापक एल.टी. के लिए न्यूनतम सेवा की अवधि में छूट दी गई है। पहली बार आयोजित होने वाली परीक्षा में नॉन-बीएड प्रवक्ता भी शामिल हो सकेंगे। साथ ही अधिकतम आयु सीमा को 50 से बढ़ाकर 55 वर्ष कर दिया गया है।
कस्टम बांड पर डिजिटल ई-स्टाम्पिंग को हरी झंडी
स्टाम्प शुल्क की प्रक्रियाओं को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए कैबिनेट ने भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 के तहत कस्टम बांड (Customs Bond) के लिए डिजिटल ई-स्टाम्पिंग की सुविधा लागू करने की स्वीकृति दी। इससे करदाताओं को बैंक परिसर में ही ई-स्टाम्प की सुविधा मिल सकेगी और प्रक्रिया पूरी तरह पेपरलेस हो जाएगी। साथ ही Ease of Doing Business (EODB) को भी बढ़ावा मिलेगा।
विस्तृत फैसले
कुम्भ मेला-2027 के सुचारू सम्पादन हेतु मेलाधिष्ठान में पदों के सृजन के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
आगामी वर्ष 2027 हरिद्वार में माह जनवरी से माह अप्रैल तक कुम्भमेला आयोजित किया जाना है, जिस हेतु कुम्भ मेला-2027 के संबंधित विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए मेला अधिष्ठान कार्यालय में 9 स्थायी, 44 अस्थायी तथा 29 आउटसोर्स, इस प्रकार कुल 82 पदों को सृजित किया जाना है। जिसको कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
प्रस्तावित नियमावली द्वारा उत्तराखण्ड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा में नियुक्त व्यक्त्तियों की भर्ती तथा सेवा शर्तों को विनियमित किये जाने के सम्बन्ध में अधिसूचना दिनांक 15.09.2022 द्वारा निर्गत उत्तराखण्ड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली, 2022 के नियम 5 भर्ती का स्रोत, नियम 6 आयु एवं नियम 8 अनिवार्य शैक्षिक / प्रशिक्षण योग्यता में संशोधन करते हुए निम्नवत प्राविधान किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
(1) प्रधानाध्यापक जिनके द्वारा भर्ती वर्ष के प्रथम दिवस को 02 वर्ष की सेवा/मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे प्रवक्ता जिनके द्वारा 10 वर्ष की सेवा/प्रवक्ता पद पर पदोन्नत ऐसे सहायक अध्यापक एल.टी. जिनके द्वारा प्रवक्ता के पद पर 10 वर्ष की पूर्ण कर ली गयी है, के अतिरिक्त प्रधानाचार्य के पद पर सीमित विभागीय परीक्षा में प्रतिभाग किये जाने हेतु प्रवक्ता पद पर पदोन्नति प्राप्त ऐसे शिक्षकों जिनके द्वारा प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक एल.टी. के पद पर सम्मिलित रूप से 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली गयी है एवं मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे सहायक अध्यापक एल.टी. जिनके द्वारा उक्त पद पर न्यूनतम 15 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली गयी हो तथा जो निर्धारित शैक्षिक / प्रशिक्षण योग्यता अनिवार्य रूप से धारित करते हैं, भी सीमित विभागीय परीक्षा हेतु पात्र होंगे।
(2) प्रधानाचार्य पद पर भर्ती हेतु प्रथम बार आयोजित होने वाली सीमित विभागीय परीक्षा में नॉन बी०एड० प्रवक्ता भी पात्र होंगे।
(3) सीमित विभागीय परीक्षा हेतु अभ्यर्थी की आयु विज्ञप्ति प्रकाशित होने वाले कैलेण्डर वर्ष की प्रथम जुलाई को 50 वर्ष से बढ़ाकर 55 वर्ष किया जा रहा है।
.उत्तराखण्ड राज्य के परिप्रेक्ष्य में भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1-खा के अनुच्छेद-28 कस्टम बांड (Customs Bond) को डिजिटल ई-स्टाम्पिंग के लिये अधिसूचित किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
उत्तराखण्ड राज्य में स्टाम्प शुल्क भुगतान हेतु तकनीकी नवाचार एवं पारदर्शिता को समाविष्ट किये जाने हेतु डिजिटल ई-स्टाम्पिंग / पेपरलेस ई-स्टाम्पिंग शुरू किये जाने के लिये अधिसूचना संख्या-24 अप्रैल, 2023 के माध्यम से उत्तराखण्ड स्टाम्प (ई-स्टाम्प प्रमाण पत्रों के माध्यम से शुल्क का संदाय) (संशोधन) नियमावली, 2023 प्रख्यापित की गयी। तत्कम में आमजन को स्टाम्प कय की सुविधा बैंक परिसर में ही उपलब्ध कराये जाने हेतु भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की अनुसूची 1-खा में वर्णित उत्तराखण्ड राज्य में लागू गैर पंजीकरण योग्य कतिपय अनुच्छेदों को उक्त नियमावली के अन्तर्गत सम्मिलित किया गया।
इसी क्रम में भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की अनुसूची 1-खा. में वर्णित गैर पंजीकरण योग्य अनुच्छेद 26 कस्टम बांड (Customs Bond) को उक्त नियमावली में सम्मिलित किया जाना है, जिससे सीमा शुल्क के लिये स्टाम्प शुल्क में इलैक्ट्रोनिक भुगतान सम्भव हो पायेगा तथा उत्तराखण्ड राज्य में बांड निष्पादित करने वाले करदाता उक्त सुविधा का पूर्ण लाभ उठा सकेंगें साथ ही उक्त प्रकिया के फलस्वरूप जनहित में EODB प्रणाली को भी बल मिलेगा। जिसको कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
