
– भविष्य के रिस्क-रेडी लीडर्स को तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम

पहाड़ का सच, देहरादून
आज यू.पी.ई.एस को इंस्टीट्यूट ऑफ रिस्क मैनेजमेंट (आई.आर.एम), इंडिया एफिलिएट द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ इंटरनेशनल अफिलिएशन प्रदान किया गया। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे यू.पी.ई.एस उन चुनिंदा भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों की श्रेणी में शामिल हो गया है जो एंटरप्राइज़ रिस्क मैनेजमेंट (ई.आर.एम) में उत्कृष्टता लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह साझेदारी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एन.ई.पी) 2020 के अनुरूप, वैश्विक दृष्टिकोण से युक्त और भविष्य के लिए तैयार शिक्षा देने की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।
आज की दुनिया में, जहां वैश्विक संघर्ष, महामारी, साइबर हमले, पर्यावरणीय संकट और नए नियमों की भरमार है, वहां रिस्क मैनेजमेंट एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यक लाइफ स्किल बन गया है। अब यू.पी.ई.एस अपने विभिन्न अकाडेमिक प्रोग्राम्स में आई.आर.एम का ग्लोबल लेवल 1 ई.आर.एम एग्ज़ामिनेशन उपलब्ध कराएगा, साथ ही छात्रों को इंडस्ट्रियल विज़िट्स का अनुभव भी मिलेगा। यह उन्हें 300 से अधिक प्रकार के रिस्क्स (जैसे ई.एस.जी, फाइनेंशियल, ऑपरेशनल और जियोपॉलिटिकल रिस्क्स) को समझने और संभालने की इंटरनेशनली रिकग्नाइज़्ड क्रेडेंशियल देगा।
इसके साथ ही, यू.पी.ई.एस के फैकल्टी मेंबर्स विशेष स्कॉलरशिप्स और स्ट्रक्चर्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम्स का लाभ उठाकर रिस्क मैनेजमेंट के क्षेत्र में अग्रणी बने रहेंगे।
यह एम.ओ.यू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) आज यू.पी.ई.एस स्कूल ऑफ बिज़नेस में एक समारोह के दौरान हस्ताक्षरित किया गया, जिसमें यू.पी.ई.एस और इंडस्ट्री के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे — डॉ. राम शर्मा (वाइस चांसलर, यू.पी.ई.एस), श्री मनीष मदान (रजिस्ट्रार, यू.पी.ई.एस), डॉ. जयशंकर वरियार (प्रो-वाइस चांसलर, यू.पी.ई.एस), प्रो. राहुल नैनवाल (डायरेक्टर, स्कूल ऑफ बिज़नेस), डॉ. निरज शिरीष मांकड़ (एसोसिएट डीन), हर्ष शाह (सीईओ,आई.आर.एम इंडिया एफिलिएट), ज्योति रुपारेल (सी.एफ.आई.आर.एम और पी.डब्ल्यू.सी इंडिया में सीनियर एडवाइज़र – डिजिटल रिस्क ट्रांसफॉर्मेशन), और जय ठाकुर (ए.एफ.आर.वाई में डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर – रिन्युएबल एनर्जी और आई.आर.एम इंडिया के यंग लीडर्स बोर्ड के सदस्य)। कार्यक्रम के बाद ‘लीडिंग विद रिस्क-इंटेलिजेंस: फ्यूचर-प्रूफिंग ऑर्गनाइजेशंस’ विषय पर एक मास्टरक्लास भी आयोजित की गई।
हर्ष शाह, सी.ई.ओ, आई.आर.एम इंडिया एफिलिएट ने कहा, “यह कोलेबोरेशन उस साझा विज़न को साकार करता है जिसके अंतर्गत हम आज की जटिल दुनिया में रिस्क्स से निपटने के लिए टैलेंट को तैयार करना चाहते हैं। यू.पी.ई.एस का हमारे ग्लोबल ईकोसिस्टम में स्वागत करते हुए हमें गर्व है। यह कदम एक अधिक सुरक्षित, समझदार और सतत भविष्य की दिशा में हमारा योगदान है।”
मनीष मदान (रजिस्ट्रार, यू.पी.ई.एस) ने कहा, “यह साझेदारी हमारे छात्रों और शिक्षकों को अनिश्चितताओं से निपटने के लिए आवश्यक स्किल्स प्रदान करने की दिशा में एक स्ट्रैटेजिक पहल है। अब रिस्क मैनेजमेंट केवल कॉरपोरेट वर्ल्ड तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लीडरशिप, गवर्नेंस और इननोवेशन का मूल है।”
आई.आर.एम, जिसकी स्थापना 1986 में यूनाइटेड किंगडम में हुई थी, आज 143 देशों में मौजूद है और यह एंटरप्राइज़ रिस्क मैनेजमेंट में दुनिया का अग्रणी सर्टिफाइंग बॉडी है। आई.आर.एम एकमात्र संस्था है जो इस क्षेत्र में फेलोशिप लेवल तक प्रोफेशनल डेज़िग्नेशंस प्रदान करती है।
यू.पी.ई.एस में अकाडेमिक रिगर को ग्लोबल एक्सपोजर, इंटरडिसिप्लिनरी लर्निंग और इंडस्ट्री इंटीग्रेशन के साथ जोड़ा जाता है। ऐसे इंटरनेशनल कोलेबोरेशन्स यह सुनिश्चित करते हैं कि छात्र और शिक्षक पर्पस और कॉन्फिडेंस के साथ नेतृत्व कर सकें।
अधिक जानकारी के लिए देखें: www.upes.ac.in
आई.आर.एम इंडिया से इंटरनेशनल अफिलिएशन के लिए संपर्क करें: registrar@theirmindia.org
