
पहाड़ का सच, देहरादून।
देहरादून के बल्लूपुर स्थित सेंचुरियन डिफेंस एकेडमी में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे 18 वर्षीय छात्र वरघव बर्मन के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। आरोप है कि 4 जुलाई को गणित शिक्षक ने कक्षा में बातचीत करने पर छात्र से जबरन 400 उठक-बैठक कराई।

अत्यधिक शारीरिक दबाव के चलते उसकी तबीयत बिगड़ गई और अब वह चलने-फिरने में भी असमर्थ हो गया है। छात्र को डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा और फिलहाल वह पूरी तरह बिस्तर पर है।परिजनों के मुताबिक, छात्र को पीठ और पैरों में असहनीय दर्द के चलते इलाज कराना पड़ रहा है। 5 जुलाई से उसकी हालत और खराब हो गई और उसने सभी कक्षाएं छोड़ दी। परिवार का कहना है कि वरघव अब मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से बुरी तरह प्रभावित है।
छात्र के पिता ने जब इस मामले की जानकारी संस्थान को मेल के जरिए दी तो प्रबंधन ने शुरुआत में खेद जरूर जताया, लेकिन आरोपी शिक्षक जय के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा परिवार का आरोप है कि संस्थान के कानूनी सलाहकार ने आक्रामक भाषा में बात करते हुए छात्र को दस्तावेज सत्यापन के बहाने बुलाया और कक्षाएं दोबारा शुरू करने का दबाव भी बनाया।
बसंत विहार थाने में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी प्रदीप रावत ने बताया कि पहले यह केस शिलॉन्ग में जीरो एफआईआर के रूप में दर्ज हुआ था, जिसे देहरादून ट्रांसफर किया गया है। छात्र और उसके पिता के बयान दर्ज कर लिए गए हैं।
वहीं एकेडमी की ओर से केवल माफीनामा लिखकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, उनका कहना था कि उनका बेटा एकेडमी के निकट ही एक पीजी में रहता है और उन्होंने ही उसका ख्याल रखा और उसको हॉस्पिटल में भर्ती करवाया।
उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग के सचिव का कहना है कि किसी भी शिक्षण संस्थान में इस प्रकार की शारीरिक सजा देना मानवाधिकारों का उल्लंघन है। यदि पीड़ित परिवार चाहे तो आयोग में अलग से शिकायत कर सकता है।
