
तत्कालीन डीएफओ किशनचंद, अभिषेक तिवारी व दो रेंजरों समेत चार अधिकारी हैं शामिल

पहाड़ का सच, देहरादून।
बहु चर्चित पाखरो रेज घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी ने मंगलवार को तत्कालीन दो डीएफओ किशन चंद , अभिषेक तिवारी व दो रेंजरों के खिलाफ स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत की भूमिका की भी जांच हो रही है।
पाखरों रेंज घोटाला: पूर्व डीएफओ किशन चंद की 34 करोड़ की संपत्ति जब्त
जानकारी के अनुसार सेवानिवृत्त डीएफओ किशनचंद, सेवानिवृत्त रेंजर बृजबिहारी शर्मा, तत्कालीन डीएफओ अभिषेक तिवारी और रेंजर मथुरा सिंह मावदी को आरोपी बनाया गया है। ईडी के अनुसार इस मामले में विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया था, फिर चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश से मुकदमा सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया।
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सीबीआई ने 11 अक्तूबर 2023 को मुकदमा दर्ज किया, इसी वर्ष आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी। इसी आधार पर ईडी ने भी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि सभी अफसरों ने आपस में मिलीभगत कर अवैध निर्माण के बाद आए धन का मनी लॉन्ड्रिंग में भी प्रयोग किया। इसी महीने किशन चंद के परिजनों के नाम पर अर्जित की गई 1.75 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया गया था। यह संपत्ति बृजबिहारी शर्मा की पत्नी व किशनचंद के बेटों अभिषेक कुमार सिंह और युगेंद्र कुमार सिंह से संबंधित थी।
क्या है मामला
जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज के 106 हेक्टेयर वन क्षेत्र में टाइगर सफारी बननी थी। वर्ष 2019 में इसका निर्माण कार्य बिना वित्तीय स्वीकृति के शुरू कर दिया। पेड़ काटने व अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने स्थलीय निरीक्षण किया था, जिसमें अनियमितताएं सामने आईं। विजिलेंस ने जांच शुरू कर 2022 में पूर्व डीएफओ किशनचंद, रेंजर बृज बिहारी शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप था कि पार्क के कालागढ़ डिवीजन की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर 215 करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए गए।
