
– उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश (पश्चिम) में 97 लाख यूज़र्स को रियल टाइम में सुरक्षा प्रदान की

पहाड़ का सच देहरादून।
भारत की अग्रणी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल (“एयरटेल”) ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश (पश्चिम) में बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी के ख़िलाफ़ अपने मिशन में उल्लेखनीय प्रगति की घोषणा की है। देशभर में एआई-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम के लॉन्च के तहत एयरटेल ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश (पश्चिम) में मात्र 69 दिनों के भीतर 97 लाख से अधिक यूज़र्स को सफलतापूर्वक ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाया है।
यह अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली सभी एयरटेल मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए ऑटोमैटिक रूप से एक्टिवेट होती है। यह एसएमएस, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ईमेल और अन्य ब्राउज़र्स पर भेजे गए लिंक को स्कैन और फ़िल्टर करती है। यह तकनीक रियल टाइम थ्रेट इंटेलिजेंस (साइबर ख़तरों की तात्कालिक जानकारी) का इस्तेमाल करती है और रोज़ाना 1 अरब से ज़्यादा यूआरएल का विश्लेषण करती है। किसी भी खतरनाक साइट पर पहुंचने से पहले यह सिस्टम महज 100 मिलीसेकंड में उसे ब्लॉक कर देता है।
उदाहरण के लिए, अगर हरिद्वार का कोई निवासी यह संदिग्ध संदेश प्राप्त करता है: “आपका पार्सल डिले हो गया है। इसे ट्रैक करें: http://www.tracky0urparcell.
इस पहल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, अंकित गोयल, सीओओ – उत्तर प्रदेश (पश्चिम) और उत्तराखंड, भारती एयरटेल ने कहा, “एयरटेल में, हम अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार की फ़्रॉड से बचाने के लिए समर्पित हैँ। आज, हमें अपना फ़्रॉड डिटेक्शन सलूशन पेश करते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है, जिसका उद्देश्य हर प्लेटफॉर्म पर सभी ग्राहकों की सुरक्षा को बढ़ाने और नये ख़तरों से सुरक्षा प्रदान करना हैl हमें विश्वास है की हमारा समाधान उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश (पश्चिम) के ग्राहकों को साइबर ख़तरों से व्यापक सुरक्षा प्रदान करेगा, जिससे वे निश्चिन्त हो कर डिजिटल दुनिया का आनंद ले सके l”
उत्तराखंड को देश के सबसे अधिक डिजिटल रूप से विकसित राज्यों में गिना जाता है, लेकिन इसके साथ ही यहां ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं भी तेज़ी से बढ़ रही हैं -चाहे शहरी क्षेत्र हों या ग्रामीण। फ़्रॉड करने वाले अब फिशिंग लिंक, नकली डिलीवरी संदेश और जाली बैंक अलर्ट के ज़रिए लोगों को निशाना बना रहे हैं। देहरादून, हरिद्वार, काशीपुर, तेहरी गढ़वाल जैसे शहर – साथ ही चमोली, चंपावत और पिथौरागढ़ जैसे ज़िलों में ऐसे मामलों में तेज़ उछाल देखा गया है। एयरटेल का यह समाधान पूरे राज्य के लिए एक डिजिटल सुरक्षा कवच का कार्य करता है – परिवारों, बुज़ुर्गों, गृहणियों, छात्रों और पहली बार स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे यूज़र्स तक को साइबर अपराध से बचा रहा है।
यह एआई-संचालित प्लेटफ़ॉर्म यूज़र्स को उनकी पसंदीदा भाषा में फ्रॉड अलर्ट भेजता है, जिसमें हिंदी भी शामिल है। इससे यह राज्य की विविध भाषाई और सामाजिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के लिए बेहद उपयोगी बन गया है। यह बहुभाषी सुविधा विशेष रूप से उन क्षेत्रों में प्रभावशाली साबित हो रही है जहां डिजिटल साक्षरता सीमित है या अंग्रेज़ी भाषा का उपयोग कम होता है।
यह समाधान बैकग्राउंड में बिना किसी अतिरिक्त इंस्टॉलेशन के चुपचाप काम करता है और ग्राहकों के लिए पूरी तरह मुफ़्त है। उत्तर प्रदेश जैसे डिजिटल रूप से अग्रणी राज्य, जहां ऑनलाइन बैंकिंग से लेकर सरकारी सेवाएं तक तेजी से डिजिटल हो रही हैं, वहां एयरटेल की यह पहल एक सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल इकोसिस्टम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। चाहे काशीपुर का कोई प्रोफेशनल हो, तेहरी गढ़वाल की गृहिणी या पिथौरागढ़ का छात्र- एयरटेल हर डिजिटल इंटरैक्शन को पहले से कहीं ज़्यादा सुरक्षित बना रहा है।
