
मैसर्स बुटोला इण्टरप्राइजेज नामक फर्म को अनुचित लाभ पहुंचाया

पहाड़ का सच देहरादून।
घोटाले में लिप्त जिला पंचायत पौड़ी के दो तदर्थ कनिष्ठ अभियंता के पद पर नियुक्त सुदर्शन सिंह रावत व आलोक रावत की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। शासन की जांच में दोनों के खिलाफ कई गंभीर अनियमितताएं और पद के दुरुपयोग के मामले सिद्ध हुए।
हैरत की बात है कि दोनों अभियंताओं की पत्नियों की एक फर्म में 25-25 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। जॉच में यह आरोप भी सिद्ध हुआ।जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि ठेकेदार अखिलेश रावत तदर्थ कनिष्ठ अभियन्ता आलोक रावत के भाई हैं। पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने 21 जुलाई को इस आशय का आदेश जारी किया। कनिष्ठ इंजीनियर सुदर्शन रावत को अक्टूबर 2024 में निलंबित कर निदेशक स्तर की जॉच शुरू की गयी थी।
इस मामले में निदेशक स्तर की जांच में पाया गया कि उन्होंने प्रभारी अभियंता के रूप में स्वयं भवन/होटल के मानचित्र स्वीकृत किए, जबकि यह अधिकार उन्हें नहीं था। इसके अलावा, एक फर्म मैसर्स बुटोला इण्टरप्राइजेज नामक फर्म में कनिष्ठ इंजीनियर सुदर्शन व आलोक की पत्नी की 25-25 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इस फर्म को 1.47 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान हुआ, जबकि उन्होंने इसकी जानकारी विभाग को नहीं दी और नियमों का उल्लंघन किया।
जांच में निष्ठा संदिग्ध पाई गई, जनहित में हटाए गए
निदेशक पंचायतीराज द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने माना कि सुदर्शन सिंह रावत व आलोक रावत की कार्यशैली विभागीय और जनहित के प्रतिकूल है। कनिष्ठ इंजीनियर सुदर्शन रावत की निलंबन की तिथि 21 अक्टूबर 2024 से ही उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं।
देखें आदेश
पंचायत घपला पौड़ी
उत्तराखण्ड शासन पंचायतीराज अनुभाग-2
संख्या-531/x11 (2)/2025-80(04)/2023 देहरादून: दिनांक 21 जुलाई, 2025
कार्यालय आदेश
श्री सुदर्शन सिंह रावत को जिला पंचायत (केन्द्रीय संकाम्य संवर्ग) नियमावली, 1966 के नियम-33 (क) के प्राविधानों के तहत शासन के पत्र संख्या 195/XII (2)/2025-90(05)/2020, दिनांक 05.04.2021 द्वारा जिला पंचायत पौड़ी गढ़वाल में तर्दथ कनिष्ठ अभियन्ता के पद पर नियुक्त किया गया था। उनके विरूद्ध निर्माण कार्य आपूर्ति एवं सेवाओं की निवादाओं, नियमों के उल्लघन आदि विभिन्न अनियमिततायें प्रकाश में आने पर शासन के आदेश संख्या-803/xII (2)/2025-80(04)/2023. दिनांक 21.10.2024 द्वारा श्री सुदर्शन सिंह रावत, कनिष्ठ अभियन्ता (तर्दथ) जिला पंचायत पौड़ी गढ़वाल को निलम्बित किया गया तथा शासन के आदेश संख्या-251758/2025-80 (04)/2023, दिनांक 11.11. 2024 द्वारा अनियमितताओं की जांच हेतु निदेशक पंचायतीराज, उत्तराखण्ड को जांच अधिकारी नामित किया गया।
2- निदेशक, पंचायतीराज विभाग, उत्तराखण्ड के पत्र संख्या-377/1178/जि०पं०अ०को०/जाँच/शि0/2025-26, दिनांक 11.06.2025 द्वारा प्रकरण की जांच रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत की गई। जांच रिपोर्ट के परिक्षणोपरान्त श्री सुदर्शन सिंह रावत, कनिष्ठ अभियन्ता (तदर्थ) के विरूद्ध निम्न कदाचार पाया गयाः-
(1) श्री सुदर्शन सिंह रावत, के द्वारा प्रभारी अभियंता के रूप में स्वयं भवन / होटल के मानचित्रों को स्वीकृत किया गया है, जबकि उपविधि के अनुसार यह अधिकार अपर मुख्य अधिकारी को है। इस प्रकार श्री सुदर्शन सिंह रावत, कनिष्ठ अभियन्ता (तदर्थ) द्वारा किंचित व्यक्तिगत लाभअर्जित करने की मंशा से अविधिक कार्य किया गया है।
(2) जांच में पाया गया कि मैसर्स बुटोला इण्टरप्राइजेज नामक फर्म, जिसको कुल रू0 1,47,94346. 00 का भुगतान हुआ था, में श्री सुदर्शन सिंह रावत, कनिष्ठ अभियन्ता (तदर्थ) की धर्मपत्नी की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। श्री सुदर्शन सिंह रावत द्वारा उक्त फर्म में उनकी पत्नी की हिस्सेदारी की सूचना जिला पंचायत को नहीं दी गई अपितु अपने पद का दुरूपयोग करके उक्त फर्म को लाभ पहुंचाया गया। शासनादेश संख्य-6598-दो/33-2-93-59.जी/93 दिनांक 01.11.1993 में स्पष्ट प्राविधान है कि जिला परिषद / पंचायत द्वारा सम्पादित कराये जाने वाले निर्माण कार्यों एवं अन्य कार्यों के ठेके एवं नीलामी आदि में जिला परिषद/पंचायत के पदाधिकारी / सदस्य / अधिकारी/कर्मचारी / उनके सम्बन्धियों को भाग लेने की अनुमति न दी जाय। उत्तर प्रदेश जिला पंचायत सेवा नियमावली, 1970 के नियम 54 में “पत्नी” परिवार के सदस्य के रूप में परिभाषित है। इस प्रकार श्री सुदर्शन सिंह रावत, कनिष्ठ अभियन्ता (तदर्थ) द्वारा अपने परिवारजनों को अवांछित लान पहुंचाये जाने की मंशा से अपने पद का दुरूपयोग किया जाना पाया गया है, जो उपरोक्त शासनादेश दिनांक 01.11.1993 के प्राविधानों के विरूद्ध
है।
3-प्रकरण जांच में सिद्ध पाये गये उपरोक्त आरोप, लांछन अत्यन्त गंम्भीर प्रकृति के है तथा इससे उनकी विभाग के प्रति सत्यनिष्ठा संदिग्ध पाई गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि श्री सुदर्शन सिंह रावत को जिला पंचायत, पौड़ी गढ़वाल में कनिष्ठ अभियन्ता (तदर्थ) के पद पर बनाये रखा जाना विभागीयहित/जनहित में उचित नहीं है। अतः श्री सुदर्शन सिंह रावत, कनिष्ठ अभियन्ता (तदर्थ), जिला पंचायत, पौडी सम्बद्ध पंचायतीराज निदेशालय की सेवायें निलम्बन आदेश निर्गत होने की तिथि (दिनाक 21.10.2024) से समाप्त की जाती है।
4-निलम्बन अवधि में नियमानुसार देय जीवन निर्वाह भत्ते के अतिरिक्त अन्य कोई अवशेष भुगतान श्री सुदर्शन सिंह रावत को देय नहीं होगा।
l
(चन्द्रेश कुमार) 21 सचिव।
