
– 962 खातों में से 162 खातों से फर्जी दस्तावेज और जाली हस्ताक्षर के जरिये निकासी की पुष्टि

पहाड़ का सच चमोली।
जनपद के विकासखंड पोखरी के ग्रामीण बचत केंद्र मसौली में करोड़ों रुपये के सरकारी धन के गबन और वित्तीय अनियमितता का बड़ा खुलासा हुआ है। चमोली पुलिस की सतर्कता और एसपी सर्वेश पंवार के निर्देशन में हुई गहन जांच के बाद इस घोटाले में पूर्व सचिव और लेखा सहायक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस प्रकरण को बड़े घोटाले के रूप में चिन्हित किया है, जिसमें ग्रामीणों के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर निकासी की गई।
घोटाला वर्ष 2017 से 2023 के बीच ग्रामीण बचत केंद्र में अंजाम दिया गया। सहायक विकास अधिकारी राजन कुमार की तहरीर पर थाना पोखरी में केस दर्ज किया गया। विभागीय जांच में पाया गया कि सेवानिवृत्त सचिव मोहनलाल और लेखा सहायक अमित सिंह नेगी ने ₹76.48 लाख की हेराफेरी की। इसी आधार पर IPC की धारा 406, 408, 409, 420, 467, 468, 471, 120B के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की गई।
एसपी सर्वेश पंवार ने इस प्रकरण की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की और स्पष्ट निर्देश दिए कि जांच निष्पक्ष हो और किसी दोषी को बख्शा न जाए। पूछताछ व दस्तावेज जांच में उन्होंने खुद रुचि ली। जांच टीम में अमित सैनी (पुलिस उपाधीक्षक, कर्णप्रयाग), विनोद चौरसिया (थानाध्यक्ष, गोपेश्वर), हरेन्द्र (हेड कांस्टेबल), नरेश पाल (हेड कांस्टेबल), प्रदीप कुकरेती (कांस्टेबल) शामिल रहे।
गिरफ्तार अभियुक्त।
अमित सिंह नेगी (30 वर्ष), ग्राम नौली, लेखा सहायक
मोहनलाल (63 वर्ष), ग्राम नौटी, पूर्व सचिव
दोनों को 15 जुलाई 2025 को गोपेश्वर से गिरफ्तार किया गया। उक्त प्रकरण में अन्य अधिकारियों और लेखाकारों की भूमिका की जांच जारी है।
वहीं पुलिस अधीक्षक चमोली सर्वेश पवांर ने कहा कि “भ्रष्टाचार और वित्तीय अपराध के खिलाफ चमोली पुलिस जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
