
हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ की थीम पर मनेगा हरेला पर्व

.प्रधानमंत्री के एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत भी रोपे जाएंगे पौधे
पहाड़ का सच,देहरादून।
उत्तराखण्ड में एक बार फिर हरेला पर्व के तहत बड़ी संख्या में पौधरोपण की तैयारी की जा रही हैं। धामी सरकार ने कहा है कि इस वर्ष हरेला पर्व पर उत्तराखंड पौधरोपण पर रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। इस दिन पूरे प्रदेश में एक ही दिन में पांच लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। जिसमें से गढ़वाल मंडल में तीन लाख और कुमाऊं मंडल में दो लाख पौधे रोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए शासन स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस बार हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ और एक पेड़-माँ के नाम की थीम पर यह पौधरोपण आयोजित किया जाएगा। पूरे माह इस पर्व के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस पौधरोपण अभियान की सफलता में ग्रामीणों से लेकर स्कूली छात्र और विभिन्न विभागों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुंधाशु की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र भी लिखा गया है।
उत्तराखंड में हर साल जुलाई माह में हरेला पर्व का आयोजन किया जाता है। इस बार 16 जुलाई को यह पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व प्रकृति को समर्पित है। ऐसे में इस पर्व पर आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर पौधरोपण आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत संपूर्ण प्रदेश में पांच लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इससे पहले जुलाई 2016 में प्रदेश में एक ही दिन में करीब 2 लाख पौधे रोपे गए थे। ऐसे में इस बार यह रिकॉर्ड टूटने जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड प्रकृति के बेहद करीब है। ऐसे में यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि पर्यावरण का संरक्षण करें। इस अभियान के तहत सार्वजनिक स्थानों, वनों, नदियों, गाड, गदेरों के किनारे, स्कूलों, कॉलेज, विभागीय परिसर, सिटी पार्क, आवासीय परिसर में पौधरोपण किया जाएगा। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, छात्रों, विभागीय कर्मियों, एनसीसी, एनएसएस के साथ ही आमजनमानस की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
. सवाल जो हर बात उठता है
इन पौधों को बचाने की जिम्मेदारी सही ढंग से निभाई जाय तो यह अभियान सार्थक माना जायेगा। हालांकि, विभागीय लापरवाही की वजह से इनमें से कई पौधे बच नहीं पाते।
हालांकि, जिला प्रशासन व सम्बंधित विभाग पौधरोपण का मीडिया में जोर शोर से प्रचार करते हैं। करोड़ों रुपए प्रचार में फूंक दिए जाते हैं। लेकिन यह भी देखने में आया है कि कई पौधे देख रेख के अभाव में मर जाते हैं। और कहीं पौध रोपण का आंकड़ा भी बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जाता है। चेहरा चमकाने की होड़ लग जाती है।
इस मामले में सीएम धामी व बड़े अधिकारियीं को पौधरोपण मॉनिटरिंग कमेटी का गठन हर ब्लाक में किया जाना चाहिए। ताकि सरकार व जनसमुदाय की ये पहल सार्थक साबित हो सके।
