
कांग्रेस नेता ने कहा, इंदिरा गांधी सरकार को बाहर कर जनता ने सिखाया सबक

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, पक्षी भाजपा का तोता बन गया
पहाड़ का सच/एजेंसी
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के एक लेख से आपातकाल पर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। थरूर ने अपने लेख में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में लगाए आपातकाल की तीखी आलोचना करते हुए इसे भारतीय इतिहास के लिए काला अध्याय करार दिया और कहा कि इससे सबक लेना जरूरी है।
सांसद थरूर ने कहा कि देश की जनता ने आपातकाल की ज्यादतियों का स्पष्ट जवाब दिया और कांग्रेस को बड़े अंतर से सत्ता से बाहर कर दिया। केरल के तिरुवनंतपुरम से मलयालम भाषा में छपने वाले एक अखबार में थरूर ने लिखा, आपातकाल को सिर्फ भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप में याद नहीं कियाजाना चाहिए, बल्कि इससे सबक लेना जरूरी है। अनुशासन और व्यवस्था के लिए उठाए गए कदम कई बार ऐसी क्रूरता में बदल जाते हैं, जिन्हें किसी तरह उचित नहीं कहा जा सकता।
थरूर ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा के बेटे संजय गांधी का जबरन नसबंदी अभियान चलाने का फैसला क्रूरता का उदाहरण बन गया। कुछ लोग दलील दे सकते हैं कि आपातकाल ने एक अस्थायी व्यवस्था स्थापित की और लोकतांत्रिक राजनीति की अव्यवस्था से कुछ समय के लिए राहत दी। लेकिन यह अनियंत्रित सत्ता के अधिनायकवाद में बदलने का परिणाम थे। आपातकाल के दौरान जो भी व्यवस्था स्थापित हुई हो, वह हमारे गणतंत्र की आत्मा की कीमत पर आई। हालांकि, आज का भारत 1975 का भारत नहीं है। हम ज्यादा आत्मविश्वासी, ज्यादा विकसित और कई मायनों में ज्यादा मजबूत लोकतंत्र हैं।
लोकतंत्र अनमोल विरासत, संरक्षण जरूरी . आपातकाल की आलोचना करते हुए थरूर ने लिखा, लोकतंत्र कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे हल्के में लिया जाए। यह एक अनमोल विरासत है, जिसे निरंतर पोषित और संरक्षित किया जाना चाहिए। इससे सबक लेना जरूरी है। अनुशासन और व्यवस्था के लिए उठाए गए कदम कई बार ऐसी क्रूरता में बदल जाते हैं, जिन्हें किसी तरह उचित नहीं कहा जा सकता।
कांग्रेस सांसद टैगोर बोले,पक्षी तोता बन रहा है .थरूर के इस लेख के बाद कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पलटवार किया है। बिना थरूर का नाम लिए कांग्रेस सांसद टैगोर ने सोशल मीडिया पर लिखा, जब कोई साथी भाजपा की बातें शब्द दर शब्द दोहराने लगे, तो सोचना पड़ता है कि क्या पक्षी तोता बन रहा है?
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, कांग्रेस नेता को आपातकाल की ज्यादतियों का एहसास होने में 50 साल लग गए, लेकिन पार्टी के भीतर की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि वह अब भी बेशर्मी से इसका समर्थन कर रही है।
